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उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से देना पड़ेगा इस्तीफा? या फिर चुनाव आयोग लगाएगी नैया पार...

राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी का आग्रह स्वीकार कर लिया है. अब महाराष्ट्र विधान परिषद में खाली 9 सीटों को भरने के लिए चुनाव कैसे और कब कराया जाए इसे लेकर शुक्रवार को चुनाव आयोग की बैठक होगी

News Nation Bureau
| Edited By :
30 Apr 2020, 10:30:05 PM (IST)

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र की तस्वीर अब साफ हो गई है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को एमएलसी (MLC) के लिए नामित नहीं करेंगे. उन्होंने यह फैसला टालते हुए गेंद अब चुनाव आयोग के पाले में डाल दिया है.राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने चुनाव आयोग से राज्य विधानमंडल के उच्च सदन की नौ रिक्त सीटों के लिये चुनाव की घोषणा करने का बृहस्पतिवार को अनुरोध किया.

राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी (BS koshiyari) का आग्रह स्वीकार कर लिया है. अब महाराष्ट्र विधान परिषद में खाली 9 सीटों को भरने के लिए चुनाव कैसे और कब कराया जाए इसे लेकर शुक्रवार को चुनाव आयोग की बैठक होगी. देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक करने का फैसला लिया है.

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24 अप्रैल से 9 सीटें खाली हैं 

दरअसल, कोश्यारी ने चुनाव आयोग को पत्र भेजते हुए कहा था कि जल्द से जल्द महाराष्ट्र विधान परिषद में खाली 9 सीटों पर चुनाव घोषित करें. राजभवन से जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने राज्य में मौजूद अनिश्चितता की स्थिति को खत्म करने के लिये 9 सीटों पर चुनाव कराने का चुनाव आयोग से अनुरोध किया है, जो 24 अप्रैल से रिक्त हैं. अपने पत्र में कोश्यारी ने कहा कि केंद्र ने देश में लॉकडाउन लागू करने के सिलसिले में कई छूट की घोषणा की है.

उद्धव ठाकरे किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं

उन्होंने पत्र में कहा, ‘उसके अनुसार, विधान परिषद सीटों के लिये चुनाव खास दिशानिर्देशों के साथ हो सकते हैं.’ बयान में कहा गया है कि उद्धव ठाकरे राज्य विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं, ऐसे में उन्हें 27 मई 2020 से पहले विधान परिषद में निर्वाचित होना पड़ेगा.

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उद्धव चाहते थे कि कोश्यारी उन्हें नामित करें 

चुनाव आयोग ने कोरोना वायरस संकट के चलते इन 9 सीटों पर चुनाव प्रक्रिया रोक रखी है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे चाहते थे कि राज्यपाल अपने कोटे की खाली पड़ी दो सीटों में से एक पर उन्हें नामित कर दें. इसके लिए महाराष्ट्र कैबिनेट ने दो बार प्रस्ताव भी भेजा, लेकिन राज्यपाल ने उस पर कोई फैसला नहीं किया.

 छह महीने के अंदर राज्य विधानमंडल के किसी सदन का सदस्य बनना होता है

ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जिसके बाद उन्हें छह महीने के अंदर राज्य विधानमंडल के किसी सदन का सदस्य बनना होगा. राज्य मंत्रिमंडल ने विधान परिषद में राज्यपाल द्वारा मनोनीत किये जाने वाले एक सदस्य के रूप में ठाकरे के नाम की सिफारिश की थी.

(इनपुट भाषा)