.

प्रवासी मजदूरों को शहरों में बेहद सस्ते घर देगी मोदी सरकार, दो मॉडलों पर काम जारी

गांवों से रोटी-रोजगार के सिलसिले में शहर पहुंचने वाले प्रवासियों (Migrants) को मामूली किराए पर घर देने की योजना पर अब काम तेज हुआ है.

News Nation Bureau
| Edited By :
19 Sep 2020, 06:48:22 AM (IST)

नई दिल्ली:

गांवों से रोटी-रोजगार के सिलसिले में शहर पहुंचने वाले प्रवासियों (Migrants) को मामूली किराए पर घर देने की योजना पर अब काम तेज हुआ है. मकसद यही है कि कम पैसे में लोग शहरों में आसानी से गुजारा कर सकें. आवास और शहरी विकास मंत्रालय इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए कुल दो मॉडल पर काम करने में जुटा है. बीते 31 जुलाई से शुरू हुई इस योजना को सरकार (Modi Government) जल्द से जल्द धरातल पर उतारने की कोशिशों में जुटी हुई है.

यह भी पढ़ेंः दिशा की पार्टी में फिल्म स्टार का बेटा, मंत्री का गार्ड था: चश्मदीद

कम किराए पर दिए जाएंगे घर
मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, पहला मॉडल है कि शहरों में सरकारी पैसे से बने आवासों को अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में बदल दिया जाए. इसके बाद जरूरतमंद प्रवासियों को एक हजार से तीन हजार रुपये में किराए पर उपलब्ध कराए जाए. सरकार इस योजना को पीपीपी मोड में संचालित करना चाह रही है. बताया जा रहा है कि ये आवास 25 वर्षों के लिए अलॉट होंगे. फिर इन्हें लोकल बॉडीज के हवाले कर दिया जाएगा और फिर नए सिरे से आवंटन होगा.

यह भी पढ़ेंः News Nation पर दिशा केस के चश्मदीद का बड़ा खुलासा, जानने के लिए यहां करें Click

खाली जमीन पर भी बनेंगे घर
शहरी विकास मंत्रालय ने दूसरा मॉडल भी तय किया है. इस मॉडल के तहत निजी और सार्वजनिक संस्थानों को उनकी खाली पड़ी जमीन पर किराए के घर बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. मसलन, अगर शहरी क्षेत्र में कोई फैक्ट्री है और उसके पास खाली जमीन है तो प्रवासियों के लिए वहां कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. इसमें सरकार भी मदद देगी. खास बात है कि निजी क्षेत्र के ऐसे कॉम्प्लेक्स बनाने पर उन्हें स्पेशल इंसेंटिव्स दिए जाएंगे.

यह भी पढ़ेंः न्यूज़ कृषि बिल के जरिए मोदी सरकार बढ़ाएगी अपने ‘मित्रों’ का व्यापार, बोले राहुल गांधी 

शुरुआत में 600 करोड़ किए जाएंगे खर्च
खास बात है कि बीते गुरुवार को छह सांसदों ने लोकसभा में इस मसले पर लिखित में सवाल पूछा था, जिस पर आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि शहरी प्रवासियों और गरीबों को किफायती किराए पर आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स (एआरएचसी) 31 जुलाई को शुरू हुई. बता दें कि कोरोना काल में 20 लाख करोड़ के पैकेज के तहत यह योजना भी आती है. शुरूआत में इस पर छह सौ करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी है.