पर्यावरण मंत्रियों से बोले PM मोदी- देश का फोकस ग्रीन ग्रोथ और ग्रीन जॉब्स पर है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister narendra Modi) ने शुक्रवार को गुजरात के एकता नगर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया.
highlights
- प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के एकता नगर में राष्ट्रीय सम्मेलन को किया संबोधित
- आज का नया भारत, नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है : PM
- सभी लक्ष्यों की प्राप्ति को हर राज्य के पर्यावरण मंत्रालय की भूमिका बहुत बड़ी है : मोदी
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister narendra Modi) ने शुक्रवार को गुजरात के एकता नगर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया. पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि हम ऐसे समय मिल रहे हैं, जब भारत अगले 25 साल के लिए नए लक्ष्य तय कर रहा है. मुझे विश्वास है कि आपके प्रयासों से पर्यावरण की रक्षा में भी मदद मिलेगी और भारत का विकास भी उतनी ही तेज गति से होगा.
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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का नया भारत, नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है. आज भारत तेजी से विकसित होती इकोनॉमी भी है, और निरंतर अपने को भी मजबूत कर रहा है. हमारे forest cover में वृद्धि हुई है और wetlands का दायरा भी तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि अपने कमिटमेंट को पूरा करने के हमारे ट्रैक रिकॉर्ड के कारण ही दुनिया आज भारत के साथ जुड़ भी रही है. बीते वर्षों में गिर के शेरों, बाघों, हाथियों, एक सींग के गेंडों और तेंदुओं की संख्या में वृद्धि हुई है. कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश में चीता की घर वापसी से एक नया उत्साह लौटा है.
उन्होंने आगे कहा कि भारत ने 2070 तक Net zero का टार्गेट रखा है. अब देश का फोकस ग्रीन ग्रोथ पर है, ग्रीन जॉब्स पर है. इन सभी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए, हर राज्य के पर्यावरण मंत्रालय की भूमिका बहुत बड़ी है. पीएम ने कहा कि मैं देश के सभी पर्यावरण मंत्रियों से आग्रह करूंगा कि राज्यों में सर्कुलर इकॉनॉमी को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दें. इससे Solid Waste management और सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति के हमारे अभियान को भी ताकत मिलेगी.
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजकल हम देखते हैं कि कभी जिन राज्यों में पानी की बहुलता थी, ग्राउंड वॉटर ऊपर रहता था, वहां आज पानी की किल्लत दिखती है. ये चुनौती सिर्फ पानी से जुड़े विभाग की ही नहीं है बल्कि पर्यावरण विभाग को भी इसे उतना ही बड़ी चुनौती समझना होगा.