PM मोदी ने श्रीलंका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे को फोन पर दी बधाई
पीएम मोदी ने भी विश्वास व्यक्त किया है कि भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंधों को और मजबूत किया जाएगा
नई दिल्ली:
श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव का नतीजा आ गया है. नतीजे में गोतबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) को पूर्ण जनाधार मिला है. चुनाव 16 नवंबर को संपन्न हुआ था. इसके एक दिन बाद 17 नवंबर को चुनाव का नतीजा आ गया है. नतीजे आने के बाद पीएम मोदी (PM Modi) ने गोतबाया राजपक्षे को फोन पर उन्हें चुनावी जीत पर बधाई दी है. यह खबर पीएमओ ऑफिस (Prime Minister's Office) ने दी है. पीएम मोदी ने कहा कि श्रीलंका के साथ अब अच्छे संबंध होंगे. पीएम मोदी ने भी विश्वास व्यक्त किया है कि भारत और श्रीलंका (Sri Lanka) के बीच सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंधों को और मजबूत किया जाएगा. पीएम मोदी ने गोतबया राजपक्षे को अपनी प्रारंभिक सुविधानुसार भारत आने का निमंत्रण दिया. उन्होंने पीएम मोदी का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है.
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श्रीलंका के पूर्व रक्षा मंत्री गोतबया राजपक्षे को राष्ट्रपति के लिए चुन लिया गया है. श्रीलंका में शनिवार को आठवें राष्ट्रपति चुनाव के लिए 80 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. देश अभी भी लगभग तीन दशक लंबे गृहयुद्ध और सात महीने पहले ईस्टर के दिन यहां हुए आतंकी हमले के घावों से उबर रहा है. वहीं श्रीलंका की सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार सजीत प्रेमदास ने देश में राष्ट्रपति पद के चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर ली और अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी एवं पूर्व रक्षा सचिव गोतबया राजपक्षे को बधाई दी.
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प्रेमदास ने कहा, 'लोगों के निर्णय का सम्मान करना और श्रीलंका के सातवें राष्ट्रपति के तौर पर चुने जाने के लिए गोटबाया राजपक्षे को बधाई देना मेरे लिए सौभाग्य की बात है.' प्रेमदास के बयान से पूर्व राजपक्षे के प्रवक्ता ने चुनाव परिणाम की आधिकारिक घोषणा से पहले दावा किया कि 70 वर्षीय सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल ने शनिवार को हुए चुनाव में जीत दर्ज की. पूर्व रक्षा मंत्री गोतबया राजपक्षे एक सेवानिवृत्त सैनिक हैं, जिन्होंने उस दौरान श्रीलंका के रक्षा विभाग की कमान संभाली थी, जब उनके बड़े भाई महिंदा राजपक्षे राष्ट्रपति (2005-2015) थे. इसके अलावा जब श्रीलंका ने 2009 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के साथ अपना युद्ध समाप्त किया तब भी वह रक्षा विभाग के प्रमुख रहे.