.

ऐसे जेल जाने से बच सकते हैं ओमप्रकाश चौटाला, जानें इसकी कानूनी वजह 

आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में दिल्ली की अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बावजूद पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला को जेल जाने से राहत मिल सकती है

News Nation Bureau
| Edited By :
23 May 2022, 05:33:00 PM (IST)

highlights

  • चौटाला के विरुद्ध कोर्ट 26 मई को सजा सुनाएगी
  • हिरासत को जेल में बिताया समय मानने का अनुरोध हो सकता है

नई दिल्ली:

आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में दिल्ली की अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बावजूद पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala)  को जेल जाने से राहत मिल सकती है. चौटाला जेबीटी शिक्षक भर्ती मामले में दस साल की सजा पूरी कर चुके हैं. उन पर आय से अधिक संपत्ति के साथ जेबीटी शिक्षक भर्ती मामला साथ-साथ चलता रहा है. इस कारण चौटाला का काफी समय हिरासत में बीत चुका है. उनकी हिरासत को जेल में बिताया समय मानने का अनुरोध चौटाल के वकील अदालत में कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट का निर्णय चौटाला को राहत दे सकता है. दिल्ली की राऊज एवन्यू कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति रखने को लेकर चौटाला को दोषी करार देते हुए अपना फैसला सुरक्षित रखा है. चौटाला के विरुद्ध कोर्ट 26 मई को सजा सुनाएगी.

सीबीआई ने 26 मार्च 2010 को चौटाला के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.  चार्जशीट में चौटाला को 1993 से 2006 के बीच उनकी वैध आय से ज्यादा 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति खड़ी करने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. साल 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ओमप्रकाश चौटाला की तीन करोड़ 68 लाख रुपये की संपत्तियों को जब्त कर लिया था. इन संपत्तियों में ओम प्रकाश चौटाला के फ्लैट, प्लाट और जमीन शामिल थे. जब्त की गई  संपत्तियां नई दिल्ली, पंचकूला और सिरसा में स्थित हैं. यह कार्रवाई आय ज्यादा संपत्ति के एक मामले में मनी लांड्रिंग के तहत दर्ज एफआइआर को लेकर हुई थी.

ये भी पढ़ें:  Sanjay Raut के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की मानहानि दावा, मेधा सोमैया ने दायर किया केस 

गौरतलब है कि ओमप्रकाश चौटाला को जनवरी, 2013 में जेबीटी घोटाले में दोषी करार दिया गया था. इनेलो सुप्रीमो को प्रीवेंशन आफ करप्शन एक्ट के तरह सात साल और षड्यंत्र में दोषी होने पर 10 साल की सजा हुई थी, जो वह पूरी कर चुके हैं. आय से ज्यादा संपत्ति रखने में दोषी करार दिये गये चौटाला को कम से कम एक वर्ष और अधिकतम पांच साल की सजा दी जा सकती है.