पंजाब-राजस्थान में थमी नहीं कलह, उधर बिहार कांग्रेस में भी शुरू रार, यह है मुद्दा
बिहार कांग्रस में भी आंतरिक दरार की खबरें आ रही हैं. बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस अब राज्य में अपने लिए नए प्रदेशाध्यक्ष की तलाश कर रही है.
पटना:
कांग्रेस को कई राज्यों में अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ा रहा है. पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कहर अभी जारी है. वहीं राजस्थान में ही सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तकरार जारी है. अब बिहार कांग्रस में भी आंतरिक दरार की खबरें आ रही हैं. बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस अब राज्य में अपने लिए नए प्रदेशाध्यक्ष की तलाश कर रही है. इसके लिए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने विधायक और दलित नेता राजेश कुमार राम का नाम आगे बढ़ाया था. लेकिन उनके नाम को लेकर विवाद हो गया. बिहार के कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने मदन मोहन झा की जगह पर दलित नेता राजेश कुमार राम को नया पीसीसी प्रमुख बनाने के प्रस्ताव का विरोध किया है.
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जेडीयू की कांग्रेस विधायकों पर लगी नजर
माना जा रहा है कि बिहार में कांग्रेस के बीच जारी कलह पंजाब से भी बड़ी हो सकती है. नीतीश कुमार की जदयू पहले ही कांग्रेस के नाराज विधायकों पर करीबी नजर रख रही है. कांग्रेस हर कदम काफी सावधानी के साथ रख रही है. जिन नेताओं ने दास के प्रस्ताव के खिलाफ एआईसीसी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल से भी शिकायत की है उनके साथ कांग्रेस बातचीत की तैयारी कर रही है.
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राजेश कुमार राम के नाम पर क्या विरोध
कांग्रेस विधायक राजेश कुमार राम को लेकर दो आपत्तियां हैं. उन्होंने दावा किया कि दास, एक पूर्व समाजवादी हैं, जो कुछ साल पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे और कांग्रेस को बाहरी लोगों की तरह ही जानते हैं. वहीं दूसरी तरफ कुछ नेताओं का कहना है कि बिहार कांग्रेस के पास उच्च जाति के आधार के कुछ ही हिस्से बचे है, जो इस तरह खत्म हो जाएंगे. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ओबीसी, दलितों, मुसलमानों के प्रमुख वर्गों ने पहले ही बिहार कांग्रेस को छोड़ दिया था, इसलिए पिछड़े समुदाय से पीसीसी प्रमुख की नियुक्ति कर नया प्रयोग करना बेकार है.