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असम में दो से अधिक बच्चों वालों को सरकारी नौकरी नहीं, स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने पेश किया नई जनसंख्या नीति का मसौदा

असम में बीजेपी सरकार ने रविवार को एक मसौदा जनसंख्या नीति की घोषणा की, जिसमें दो से अधिक संतान वाले लोगों को सरकारी नौकरी नहीं देने और राज्य में सभी लड़कियों को यूनिवर्सिटी स्तर तक की शिक्षा निशुल्क देने का सुझाव दिया है।

News Nation Bureau
| Edited By :
10 Apr 2017, 12:28:05 AM (IST)

नई दिल्ली:

असम में अब दो से अधिक संतान वाले लोगों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। राज्य सरकार ने इसे लेकर नई जनसंख्या नीति का मसौदा पेश कर दिया है।

इसके साथ ही सरकार ने राज्य में सभी लड़कियों को यूनिवर्सिटी स्तर तक की शिक्षा निशुल्क देने का सुझाव दिया है।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य यूनिवर्सिटी स्तर तक की सभी लड़कियों को निशुल्क शिक्षा देना है। उन्होंने कहा, ‘हम फीस, ट्रांसपॉर्टेशन, किताबें और हॉस्टल में खाने आदि की सभी सुविधाएं निशुल्क देना चाहते हैं। इससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी दूर हो सकती है।’

सरमा ने कहा, ‘यह जनसंख्या नीति का मसौदा है। हमने सुझाव दिया है कि दो से अधिक बच्चे वाले परिवार किसी सरकारी नौकरी के पात्र नहीं होंगे।’ असम के स्वास्थ्य मंत्री और वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इस मसौदा नीति को 15 जुलाई तक सार्वजनिक रायशुमारी के लिए रखा गया है।

Draft #PopulationPolicy proposes: those who violate legal age of marriage or have more than 2 children not eligible for govt employment/9

— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) April 9, 2017

Assam's Minister for Edu, Health &Finance Himanta Biswa Sarma also announced that public feedback on the policy will be taken till 15th July pic.twitter.com/TJkjTiPB96

— ANI (@ANI_news) April 9, 2017

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इसके साथ ही सरमा ने ट्वीट कर नई जनसंख्या की मसौदा नीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। ऩई नीति का मकसद असम की जनसंख्या को स्थिर रखने के साथ शिशु मृत्यु दर को कम करना है। असम में शिशु और मातृ मृत्यु दर सबसे अधिक है।

नई नीति के मसौदे में सरकार ने पंचायत और शहरी निकायों में चुनाव लड़ने को लेकर न्यूनतम शिक्षा का भी प्रस्ताव रखा है। इसके साथ ही जनसंख्या को कम रखने, विवाह और जन्म एवं मृत्यु से संबंधित डाटाबेस राज्य सरकार के साथ साझा किए जाने के मामले में पंचायतों को अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा।

As per Draft, Govt may also put min educational qualification as elig criteria for contesting elelction to Panchayat & urban local bodies/11

— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) April 9, 2017

इतना ही नहीं बच्चों को अपने साथ रखने वाले माता-पिता को सरकार अतिरिक्त प्रोत्साहन देगी। 

Panchayats to get spl incentives for keeping register of population, marriages, birth & death and sharing data with state database/13

— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) April 9, 2017

सरमा के अनुसार, ‘ट्रैक्टर देने, आवास उपलब्ध कराने और अन्य ऐसी लाभ वाली सरकारी योजनाओं के लिए भी यह नीति लागू होगी। राज्य निर्वाचन आयोग के अधीन होने वाले पंचायत, नगर निकाय और स्वायत्त परिषद चुनावों में भी उम्मीदवार के लिए यह नियम लागू होगा।’

मीडिया से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री हेमंत ने कहा कि इस शर्त को पूरा करने के बाद नौकरी पाने वाले किसी व्यक्ति को अपने सेवाकाल के अंत तक इसे लागू रखना होगा।

आपको बता दें कि 2003 में भी एनडीए शासन के दौरान सरकार एक संविधान संशोधन विधेयक लाने को तैयार थी, जिसके तहत दो से अधिक बच्चों वाले व्यक्तियों को संसद या विधानमंडल चुनाव लड़ने या सदस्य होने पर प्रतिबंध की बात कई गई थी।

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