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26/11 Attack: कहानी उस दर्दनाक हमले की जिसकी गूंज पूरी दुनिया ने सुनी

मुंबई हमले की जांच के दौरान पता चला था कि 10 आतंकी नाव के रास्ते कराची से मुंबई में घुसे. इस नाव में चार भारतीय पहले से मौजूद थे जिन्हें इन आतंकियों ने मार दिया था

26 Nov 2019, 09:30:32 AM (IST)

नई दिल्ली:

26 नवंबर 2008. यही वो दिन था जो देश के लिए कभी न भूला जा सकने वाला वो दर्द बन गया जिसके बारे में सोचते ही आज भी लोगों सहम जाते हैं. आज से 11 साल पहले 26 नवंबर यानी आज ही के दिन 10 आतंकियों ने मुंबई को ताबड़तोड़ गोली और बम धमाकों से इस कदर दहला दिया था पूरा देश कांप उठा था. ये आतंकी लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन के थे. इस हमले में 160 से ज्यादा मासूम लोगों ने अपनी जान गवां जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इसमें कई बच्चे भी शामिल थे. इस हमले में आतंकियों ने ताज होटल, ओबरॉय होटल, नरीमन हाऊस, कामा अस्पताल और सीएसटी समेत कई जगह को एक साथ निशाना बनाया था. आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच 60 घंटे से भी ज्यादा समय तक मुठभेड़ चली. इस हमले के दोषी अजमल कसाब को 2012 में फांसी दी जा चुकी है. आइए जानते हैं कैसे दिया गया था इस हमले को अंजाम

मुंबई हमले की जांच के दौरान पता चला था कि 10 आतंकी नाव के रास्ते कराची से मुंबई में घुसे. इस नाव में चार भारतीय पहले से मौजूद थे जिन्हें इन आतंकियों ने मार दिया था. इसके बाद कफ़ परेड के मछली बाजार पर उतरकर ये 10 आतंकियों 4 ग्रपुों अलग-अलग दिशा में रवाना हो गए.

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तकरीबन रात 8 बजे आतंकी अलग-अलग जगहों के लिए रवाना हुए. फिर रात 9.30 बजे छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर गोलीबारी की खबर मिली. इस दौरान दो आतंकियों ने गोलीबारी में 52 लोगों को मौत के धाट उतार दिया था. इन दो आतंकियों में एक कसाब था. बताया जाता है कि दोनों के पास AK-47 राइफलें थी जिससे वो 15 मिनट तक ताबड़तोड़ फारिंग की गई.

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इसके बाद आतंकियों का निशाना बना लियोपोल्ड कैफे जिसमे 10 लोगों की जान गई. इन लोगों में कुछ विदेशी भी शामिल थे. इसके अलावा भी कई जगहों पर गोली और बम धमाकों की खबर मिली. इसके बाद आतंकियों ने ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस पर भी हमला बोला. हमले के वक्त ताज में 450 औऱ ओबेरॉय में 380 मेहमान मौजूद थे. इस हमले तकरीबन 3 दिनों तक चलता रहे और तीन दिनों तक लगातार सुरक्षाबल इन हमलों को रोकने के प्रृयास करते रहे. इस दौरान पूरी मुंबई बम धमाकों और गोलीबारी की आवाज से गूंज उठी थी जिसकी आवाज पूरी दुनिया ने सुनी. तीनों दिनों के बाद 29 नवंबर तक सुरक्षाबलों ने 9 आतंकियों को मार गिराया था जबकि अजमल कसाब पुलिस की गिरफ्त में था जिसे 2012 में फांसी हो गई.