केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, मौजूदा हालात में लोकपाल की नियुक्ति असंभव
लोकपाल की नियुक्ति को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि मौजूदा हालात में लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो सकती।
highlights
- लोकपाल नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
- केंद्र ने SC से कहा, मौजूदा हालात में लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो सकती
- शांति भूषण ने कहा, जानबूझकर लोकपाल की नियुक्ति नहीं कर रही है
नई दिल्ली:
लोकपाल की नियुक्ति को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि मौजूदा हालात में लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो सकती, क्योंकि लोकपाल कानून के तहत विपक्ष के नेता की परिभाषा से संबंधित संशोधन संसद में लंबित है।
सुप्रीम कोर्ट में लोकपाल की नियुक्ति की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार जानबूझकर लोकपाल की नियुक्ति नहीं कर रही है।
जिसपर रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बहस के दौरान कहा, 'जब तक संसद में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को विपक्ष का नेता घोषित करने का कानून पारित नहीं हो जाता, लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो सकती।'
रोहतगी ने आगे ससंद में लंबित संशोधनों का हवाला देते हुए कोर्ट से आग्रह किया कि कोर्ट को संसद के काम में दखल देने या किसी तरह के आदेश को देने करने से परहेज करना चाहिए।
वहीं कॉमन कॉज एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ वकील शांति भूषण ने कहा, 'संसद ने लोकपाल विधेयक वर्ष 2013 में पारित कर दिया और वह वर्ष 2014 से प्रभावी हो गया, लेकिन सरकार जानबूझकर लोकपाल की नियुक्ति नहीं कर रही है।'
लोकपाल और लोकायुक्त कानून 2013 के अनुसार लोकसभा में नेता विपक्ष लोकपाल चयन पैनल का हिस्सा है। फिलहाल लोकसभा में कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं है। वहीं सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है।
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