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वीजी सिद्धार्थ की मौत पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता ने केंद्र की नीतियों को ठहराया जिम्मेदार

ममता बनर्जी ने ट्विटर पर लिखा कि, कॉफी डे के संस्थापक की मौत से उन्हें गहरा आघात लगा है. वास्तव में यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.

31 Jul 2019, 06:52:52 PM (IST)

highlights

  • ममता ने वी जी सिद्धार्थ की मौत पर शोक व्यक्त किया
  • वी जी सिद्धार्थ की मौत पर ममता ने केंद्र पर बोला हमला
  • केंद्र की नीतियां वी जी सिद्धार्थ की मौत की जिम्मेदार

नई दिल्ली:

देश के मशहूर उद्योगपति सीसीडी के मालिक और पूर्व विदेशमंत्री एसएम कृष्णा के दामाद वी जी सिद्धार्थ की मौत पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने शोक व्यक्त करने के बाद केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए केंद्र की नीतियों को वीजी सिद्धार्थ की मौत का जिम्मेदार बताया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. ममता बनर्जी ने ट्विटर पर लिखा कि, कॉफी डे के संस्थापक की मौत से उन्हें गहरा आघात लगा है. वास्तव में यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.

उन्होंने आगे लिखा कि, 'मैं सिद्धार्थ के परिवार वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं. सिद्धार्थ की मौत की खबर सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ जिसके बाद मैने अपनी भावनाओं और विचारो को आप सभी के साथ साझा करने के बारे में विचार किया.'

West Bengal Chief Minister, Mamata Banerjee: If all industrialists leave the country like this or commit suicide, don't you think it is a dangerous signal for the country? I'm feeling sad today because it should not be the future of the industry or agriculture. pic.twitter.com/Dpbk2CJfO7

— ANI (@ANI) July 31, 2019

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केंद्र की नीतियों को बताया जिम्मेदार
कॉफी डे संस्थापक वीजी सिद्धार्थ की मौत पर सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करने वाले ट्वीट के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता केंद्र सरकार पर हमलावर हो गईं. उन्होंने लिखा, 'उसने (सिद्धार्थ ने) जो व्यक्त किया है, उससे यह प्रतीत होता है कि वह विभिन्न एजेंसियों के उत्पीड़न और दबाव के कारण बहुत परेशान थे. वह इस कारण अपना व्यवसाय शांतिपूर्ण तरीके से नहीं चला पा रहे थे. वह इसका विरोध भी नहीं कर सके.' ममता ने आगे लिखा, 'मुझे कई सूत्रों से पता चला है कि देश में मौजूदा समय उद्योगपति पर बहुत दबाव है. उनमें से कुछ उद्योगपति देश छोड़कर चले गए हैं और कुछ देश छोड़कर बाहर जाने पर विचार कर रहे हैं. सभी विपक्षी राजनीतिक दल सत्ताधारी दलों के प्रतिशोध, हॉर्स ट्रेडिंग और उत्पीड़न से डरते हैं.'

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