लखनऊ: MSP बढ़ाने की मांग को लेकर विधानसभा के बाहर किसानों का उग्र प्रदर्शन, फसलों को लगाई आग
फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाए जाने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन लखनऊ विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहा है।
highlights
- एमएसपी बढ़ाए जाने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन लखनऊ विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहा है
- बीकेयू के नेतृत्व में किसानों ने गन्ने, धान और आलू की फसल को विधानसभा के सामने आग के हवाले कर दिया
नई दिल्ली:
फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाए जाने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन लखनऊ विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहा है।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेतृत्व में किसानों ने गन्ने, धान और आलू की फसल को विधानसभा के सामने आग के हवाले कर दिया। बीकेयू, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा हुआ किसान संगठन है।
किसान धान, आलू और गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढाए जाने की मांग के साथ विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन पर बैठ गए हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले भी बीकेयू ने अपनी मांगों को लेकर मुरादाबाद में जोरदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया था। इस दौरान किसानों ने कहा कि बीजेपी की सरकार किसानों के हितों की सरकार नहीं है।
प्रदर्शन के दौरान यूनियन के जिलाध्यक्ष चौधरी समरपाल सिंह ने कहा कि देश के कोने-कोने में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू होना चाहिए और किसान कर्ज मुक्त होना होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 2014 में वादा किया था कि सत्ता में आते ही किसानों के हित के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करेगी और किसानों के सभी कर्जे माफ कर दिए जाएंगे। लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया और सीधा-सीधा किसानों को ठगा है।
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जब वोट मांगने आते हैं, तो कहते हैं किसानों के सभी कर्जे माफ कर दिए जाएंगे और उनके वित्तमंत्री अरुण जेटली अब कहते हैं कि कर्जमाफी में केंद्र सरकार किसी राज्य को कोई मदद नहीं करेगी। इनकी बातों का कोई भरोसा नहीं है।
उन्होंने कहा, 'यदि हालात यही रहे और किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया तो 2019 में मोदी सरकार पैदल हो जाएगी।'
प्रदर्शनकारियों ने कहा, 'मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने किसानों पर जो अत्याचार किए हैं, वह जलियांवाला बाग कांड की याद दिलाता है। वहां किसानों पर जुल्म हो रहा है, वह लगातार आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन इस बारे में न तो मोदी खुद एक शब्द बोल रहे हैं और न उनके कृषिमंत्री राधामोहन सिंह कोई बयान दे रहे हैं। बीजेपी को अन्नदताओं पर जुल्म बहुत महंगा पड़ेगा।'
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