पीएम नरेंद्र मोदी का ट्वीट- घबराने की जरूरत नहीं, जरूरी चीजें और दवाएं मिलती रहेंगी
देशव्यापी लॉकडाउन के ऐलान के बाद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ट्वीट कर कहा कि देशवासियों को बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं है.
नई दिल्ली:
कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के ऐलान के बाद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ट्वीट कर कहा कि देशवासियों को बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों की आशंकाएं दूर करने का प्रयास करते हुए मंगलवार को कहा कि लोगों को 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं और दवाओं की उपलब्धता को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है और केंद्र तथा अनेक राज्य सरकारें इसके लिए मिलकर काम करेंगी. देशभर में तीन सप्ताह के पूरे लॉकडाउन की घोषणा के बाद अनेक जगहों पर लोगों में सामान खरीदने को लेकर अफरा-तफरी की खबरों के बाद प्रधानमंत्री ने लोगों से इससे बचने की अपील की.
देश के नाम अपने संबोधन में पूरी तरह लॉकडाउन की घोषणा के कुछ ही समय बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मेरे प्रिय देशवासियों! घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि दुकानों पर भीड़ लगाकर लोग कोविड-19 का जोखिम बढ़ा रहे हैं. मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर सभी जरूरी सामान की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि आवश्यक वस्तुएं, दवाएं आदि उपलब्ध रहेंगी. केंद्र और अनेक राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करने के लिए तालमेल के साथ काम करेंगी. उन्होंने कहा, हम मिलकर कोविड-19 से लड़ेंगे और स्वस्थ भारत बनाएंगे.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से कोरोना वायरस से फैल रहे संक्रमण की गंभीरता को समझने और घरों में रहने की अपील करते हुए मंगलवार आधी रात से अगले 21 दिन तक देश भर में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की है. इस फैसले को एक तरह से कर्फ्यू घोषित करते हुए उन्होंने आगाह किया कि कोरोना वायरस के संक्रमण चक्र को तोड़ने के लिये अगर इन 21 दिनों में नहीं संभले तो देश 21 साल पीछे चला जायेगा .
कोरोना वायरस संक्रमण से पैदा संकट पर राष्ट्र के नाम संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ आज रात 12 बजे से पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन होने जा रहा है।. उन्होंने कहा "हिंदुस्तान को बचाने के लिए, हिंदुस्तान के हर नागरिक को बचाने के लिए आज रात 12 बजे से घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई जा रही है.
" मोदी ने कहा, देश के हर राज्य को, हर केंद्र शासित प्रदेश को, हर जिले, हर गांव, हर कस्बे, हर गली-मोहल्ले को अब लॉकडाउन किया जा रहा है." उन्होंने कहा, यह एक तरह से कर्फ्यू ही है और जनता कर्फ्यू से थोड़ा ज्यादा सख्त है . उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर इस लॉकडाउन की एक आर्थिक कीमत देश को उठानी पड़ेगी. लेकिन, उन्होंने कहा, इस समय एक-एक भारतीय के जीवन को बचाना मेरी, भारत सरकार की, देश की हर राज्य सरकार की और हर स्थानीय निकाय की सबसे बड़ी प्राथमिकता है.
" संबोधन के दौरान हाथ जोड़कर लोगों से सरकारी निर्देशों का पालन करने की अपील करते हुए मोदी ने कहा, आने वाले 21 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा, स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना वायरस के संक्रमण चक्र को तोड़ने के लिए कम से कम 21 दिन का समय बहुत अहम है . उन्होंने लोगों से अपील की कि "चाहे जो हो जाय, घर में रहें और एक ही काम करें कि अपने घर में रहें." उन्होंने कहा, यह धैर्य और अनुशासन का समय है और जब तक देश में लॉकडाउन की स्थिति है सबको अपना संकल्प और वचन निभाना है.
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मोदी ने कहा, "लॉकडाउन ने आपके घर के दरवाजे पर एक लक्ष्मण रेखा खींच दी है और आपको समझना है कि आपका घर से निकलने वाला एक कदम कोरोना को घर में ला सकता है." उन्होंने कहा कि कोरोना से बचने का इसके अलावा कोई तरीका नहीं है, कोई रास्ता नहीं है.
कोरोना को फैलने से रोकना है, तो इसके संक्रमण की चक्र को तोड़ना ही होगा. कोरोना वायरस को लेकर सरकार के उपायों की जानकारी देते हुए मोदी ने कहा कि कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए देश के स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने आज 15 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. उन्होंने कहा इस राशि से कोरोना से जुड़ी जांच की सुविधा, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, पृथक इकाई की व्यवस्था, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर और अन्य जरूरी संसाधनों की संख्या तेजी से बढ़ाई जाएगी.
मोदी ने कहा, मैंने राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि इस समय उनकी पहली प्राथमिकता, सिर्फ और सिर्फ स्वास्थ्य सेवाएं ही होनी चाहिए." उन्होंने लोगों से कोरोना वायरस को लेकर अफवाह और अंधविश्वास से बचने की सलाह दी और कहा कि इस बीमारी के लक्षणों के दौरान बिना डॉक्टरों की सलाह के कोई भी दवा न लें.
उन्होंने लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण की भयावहता के प्रति आगाह करते हुए बताया कि चीन में संक्रमण का पता लगने के बाद पहले एक लाख लोग संक्रमित होने में 67 दिन लगे और फिर इसे 2 लाख लोगों तक पहुंचने में सिर्फ 11 दिन और दो लाख संक्रमित लोगों से तीन लाख लोगों तक ये बीमारी पहुंचने में सिर्फ चार दिन लगे .
उन्होंने कहा, यही वजह है कि चीन,अमेरिका, फ्रांस,जर्मनी, स्पेन, इटली, ईरान जैसे देशों में जब संक्रमण फैलना शुरू हुआ तो हालात बेकाबू हो गए . प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए उम्मीद की किरण, उन देशों से मिले अनुभव हैं जो कोरोना को कुछ हद तक नियंत्रित कर पाए हैं. उन्होंने कहा कि "चाहे प्रधानमंत्री हो या कोई और हो.. हमें घरों में रहना है . हमें उन डॉक्टरों, नर्सों, पैरा-मेडिकल स्टाफ, पैथोलाजिस्ट के बारे में सोचना है जो इस महामारी से एक-एक जीवन को बचाने के लिए दिन रात अस्पताल में काम कर रहे हैं.