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लॉकडाउन पर कांग्रेस पार्टी ने उठाए सवाल, कहा विदेश में फंसे भारतीयों की तरह मजदूरों को भी घर पहुंचाए सरकार

शहरों में फंसे हजारों नागरिकों और उनमें से कई लोगों को अपने घरों को लौटने के लिए बगैर भोजन और विश्राम किए लंबी पैदल यात्रा करते देख कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सरकार रिवर्स माइग्रेशन को नियंत्रित करने में असमर्थ है. पार्टी ने कहा है कि उचित

News Nation Bureau
| Edited By :
27 Mar 2020, 07:10:51 PM (IST)

नई दिल्ली:

शहरों में फंसे हजारों नागरिकों और उनमें से कई लोगों को अपने घरों को लौटने के लिए बगैर भोजन और विश्राम किए लंबी पैदल यात्रा करते देख कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सरकार रिवर्स माइग्रेशन को नियंत्रित करने में असमर्थ है. पार्टी ने कहा है कि उचित योजना के बिना लॉकडाउन लगाया गया है, जिसके कारण नागरिकों, विशेष रूप से प्रवासी मजदूरों को दिन-प्रतिदिन के जीवन में अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.

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कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा है, "निलंबित परिवहन, बाधित आपूर्ति श्रंखला, पुलिस और सक्रिय विशेष लोगों को सही जानकारी न होना, बगर योजना के लागू लॉकडाउन के परिणाम हैं." कई लोग विभिन्न शहरों में फंस गए और अपनी मनचाही जगहों पर नहीं जा पाए, पार्टी ने सरकार से इस पर गौर करने का आग्रह किया है. इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने फंसे हुए लोगों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर दिया है.

पार्टी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने तैयारी करने के लिए मिले उस समय को बर्बाद कर दिया, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फरवरी के शुरू में ही इस मुद्दे पर सरकार को आगाह किया था.

कांग्रेस ने ट्वीट किया, "भाजपा की योजना की कमी ने हजारों लोगों को भूखे और बेघर कर दिया है. सरकार को देशव्यापी लॉकडाउन लागू करने से पहले लोगों की मदद करने के लिए एक लक्षित योजना के साथ सामने आना चाहिए था."

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सरकार ने जरूरतमंदों और गरीबों की मदद के लिए कई घोषणाएं की हैं और 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है. लेकिन पार्टी का कहना है कि यह ऐसे समय में 'बहुत कम' है जब मांग अधिक है.

कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि सरकार का कोविड-19 आर्थिक पैकेज ऊंट के मुंह में जीरा है. 135 करोड़ की अबादी के लिए 22.5 अरब डॉलर पर्याप्त नहीं है, जबकि 58 लाख की आबादी वाले सिंगापुर ने 33 अरब डॉलर दिए हैं.