अखिलेश की बगावत से सपा दो कैंप में बंटा, बड़े फैसले से पहले बुलाई कोर ग्रुप की बैठक
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी दो फाड़ होने के मुहाने पर आ खड़ी हुई है। शिवपाल यादव की तरफ से पहले उम्मीदवारों की सूची में अपने करीबियों के टिकट काटे जाने से नाराज अखिलेश ने पार्टी लाइन से अलग रुख लेते हुए 235 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी।
highlights
- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी दो फाड़ होने के मुहाने पर आ खड़ी हुई है
- टिकट बंटवारे को लेकर नाराज अखिलेश अब चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है
- अखिलेश अगर सपा से अलग होने का फैसला लेते हैं तो कांग्रेस का समर्थन उनके लिए बेहद अहम होगा
New Delhi:
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी दो फाड़ होने के मुहाने पर आ खड़ी हुई है। शिवपाल यादव की तरफ से पहले उम्मीदवारों की सूची में अपने करीबियों के टिकट काटे जाने से नाराज अखिलेश ने पार्टी लाइन से अलग रुख लेते हुए 235 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी।
अखिलेश ने अपने भरोसेमंद लोगों के साथ बैठक के बाद यह सूची जारी की। अखिलेश ने बैठक में शामिल विधायकों को चुनाव की तैयारी करने का आदेश देकर साफ कर दिया कि अब वह समझौते के मूड में नहीं है। अखिलेश की तरफ से जारी 235 उम्मीदवारों की सूची के तत्काल बाद शिवपाल यादव ने 68 और उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी।
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पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं होने के बावजूद अखिलेश ने बड़ा कदम उठाते हुए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर साफ कर दिया कि वह अब मुलायम सिंह की बात भी मानने को तैयार नहीं है।
अखिलेश ने हालांकि पार्टी को तोड़े जाने को लेकर कोई संकेत नहीं दिए हैं लेकिन एक ही पार्टी में दो अलग-अलग उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। पिछली बार की तरह इस बार कोई भी पक्ष समझौते को तैयार नहीं दिख रहा है।
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खबरों के मुताबिक अखिलेश अब चुनाव आयोग जाने का मन बना चुके हैं। अखिलेश चुनाव आयोग जाकर पार्टी के चुनाव चिह्न साइकिल को जब्त किए जाने की मांग करने का मन बना चुके हैं। इस बीच अगली रणनीति पर विचार-विमर्श के लिए अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक निवास पर समर्थकों की बैठक बुलाई है।
अखिलेश की बगावत पर अन्य दलों की नजरें टिकी हुई हैं। लेकिन सपा में पड़ी फूट ने कांग्रेस की उम्मीदों को जिंदा कर दिया है। कुछ दिनों पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की खबरें आई थीं लेकिन 325 उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए मुलायम सिंह ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था।
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हालांकि पहली सूची में पार्टी ने 78 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया था। जिसके बाद माना जा रहा था कि पार्टी ने इन 78 सीटों का विकल्प गठबंधन की संभावनाओं के मद्देनजर छोड़ रखा है। लेकिन गुरुवार देर रात शिवपाल सिंह यादव की तरफ से जारी 68 सीटों की उम्मीदवारी ने गठबंधन की संभावनाओं को सिरे से खत्म कर दिया है।
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जबकि अखिलेश ने कहा था कि अगर उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन होता है तो वह 300 से अधिक सीटें जीत सकते हैं। अखिलेश की बगावत के बाद कांग्रेस खेमा सक्रिय हो चला है।अखिलेश अगर सपा से अलग होने का फैसला लेते हैं तो कांग्रेस का समर्थन उनके लिए बेहद अहम होगा। अखिलेश पहले भी कई मौके पर कांग्रेस के साथ गठबंधन की वकालत कर चुके हैं।