किसान बोले- अगर कृषि कानून रद्द नहीं हुआ तो रेलवे ट्रैक कर देंगे ब्लॉक
किसान नेताओं ने नए कृषि कानूनों में संशोधन करने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया करते हुए आंदोलन को तेज करने का ऐलान किया है.
नई दिल्ली:
किसान नेताओं ने नए कृषि कानूनों में संशोधन करने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया करते हुए आंदोलन को तेज करने का ऐलान किया है. किसानों ने कहा है कि वे शनिवार को जयपुर-दिल्ली और दिल्ली-आगरा एक्सप्रेस-वे को बंद करेंगे और 14 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेंगे. किसान नेताओं ने 14 दिसंबर को बीजेपी के मंत्रियों, पार्टी के जिला कार्यालयों का घेराव करेंगे और पार्टी नेताओं का बहिष्कार करने की भी चेतावनी दी
किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि हमने सरकार को 10 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है कि अगर पीएम मोदी हमारी बात नहीं मानते हैं और कानून को रद्द नहीं करते हैं तो हम रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर देंगे. आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारत के सभी लोग पटरियों पर उतरेंगे. इसे लेकर किसान मंच जल्द ही एक तारीख तय करेगा और इसकी घोषणा करेगा.
किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ने लगा है. चिल्ला बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की संख्या कम हो रही है. हालांकि जो किसान डटे हैं, उनका कहना है कि आंदोलन अब और तेज होगा.
किसान नेता मंजीत ने कहा कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है. सरकार चाहती है यह आंदोलन लंबा चले और कमजोर पड़ जाए. सरकार गलतफहमी में है. हमारा आंदोलन बढ़ रहा है. यहां से 5,000 लोग जाते हैं, लेकिन 20,000 लोग आते भी हैं. सरकार पर दबाव बढ़ रहा है.
किसान नेता मनजीत राय ने कहा कि हम दिल्ली के अलग अलग रास्तों को बंद करेंगे. सरकार से आगे की बातचीत पर जब न्योता आएगा तब अपनी बैठक में निर्णय लेंगे.
कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के प्रदर्शनकारी जत्थेबंदियों ने आज बैठक बुलाई है, जिसमें की रणनीति पर चर्चा होगी.
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन 15वें दिन भी जारी है.
कोलकाता में किसानों के समर्थन में तृणमूल कांग्रेस के प्रदर्शन में आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल होंगी.