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पिता के आरोप पर बोली शेहला रशीद, कहा- वो पत्नी को पीटने वालें इंसान है, उन्हें गंभीरता से न लें

जवाहार लाल नेहरू की पूर्व छात्र नेता शहला रशीद ने अपने पिता द्वारा लगाए गए आरोप पर सफाई पेश की है.  शहला ने ट्वीट करते हुए कहा कि परिवार में ऐसा नहीं होता, जैसा मेरे पिता ने किया है. उन्होंने मेरे साथ-साथ मेरी मां और बहन पर भी बेबुनियाद आरोप लगाए हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
01 Dec 2020, 11:47:57 AM (IST)

नई दिल्ली:

जवाहार लाल नेहरू (JNU) की पूर्व छात्र नेता शहला रशीद ने अपने पिता द्वारा लगाए गए आरोप पर सफाई पेश की है.  शहला ने ट्वीट करते हुए कहा, 'परिवार में ऐसा नहीं होता, जैसा मेरे पिता ने किया है. उन्होंने मेरे साथ-साथ मेरी मां और बहन पर भी बेबुनियाद आरोप लगाए हैं. 

पूर्व छात्र नेता ने आरोप लगाते हुए कहा,  'वह पत्नी को पीटने वाले, एक अपमानजनक और दुष्‍ट इंसान हैं. हमने आखिरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है और यह स्टंट उसी की प्रतिक्रिया है.'

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शहला राशिद ने आगे कहा कि हालांकि यह पारिवारिक मसला है लेकिन हम पर लगाए गए आरोप बहुत गंभीर हैं. असलियत तो यह है कि मेरी मां, बहन और मैंने अपने पिता के खिलाफ कोर्ट में घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई है. 17 नवंबर 2020 से उनके हमारे घर में घुसने से रोक लगा दी गई है. आप सभी से निवेदन है कि उनकी बातों को गंभीरता से न लें.' 

छात्रनेता और कार्यकर्ता शहला राशिद के पिता अब्दुल राशिद शोरा ने सोमवार को अपनी बेटी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए. शोरा ने बेटी के एनजीओ के खिलाफ जांच शुरू करने की मांग की और आरोप लगाया कि कश्मीर घाटी में राजनीति से जुड़ने के लिए शहला ने धन लिए थे. पुलिस महानिदेशक को संबोधित तीन पन्ने का एक पत्र जारी करते हुए शोरा ने दावा किया कि उन्हें अपनी बेटी शहला, उनके सुरक्षा गार्ड, बहन और उनकी मां से जान का खतरा है . शोरा ने दावा किया, ‘‘उसने (शहला) कश्मीर में राजनीति में शामिल होने के लिए पूर्व विधायक इंजीनियर राशिद और कारोबारी जहूर वताली से तीन करोड़ रुपये लिए थे.’’

आतंकवाद के वित्तपोषण में कथित संलिप्तता के लिए राशिद और वताली को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछल साल गिरफ्तार किया था. जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शहला राजनीति में शामिल हो गयी थीं और आइएएस टॉपर शाह फैसल द्वारा शुरू जेके पॉलिटिकल मूवमेंट की संस्थापक सदस्य बनी थीं. शोरा ने शहला द्वारा चलाए जाने वाले गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ), और अपनी बेटियों और उनकी मां के बैंक खातों की जांच की भी मांग की . 

 

(भाषा इनपुट के साथ)