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अंबाला में लैंड हुआ भारत का लड़ाकू विमान राफेल, राजनाथ सिंह ने कहा- एक नए युग की शुरुआत

अब दुश्मनों की खैर नहीं... अंबाला में लैंड हुआ भारत का लड़ाकू विमान राफेल

News Nation Bureau
| Edited By :
29 Jul 2020, 04:11:02 PM (IST)

नई दिल्ली:

भारत अब अपने दुश्मनों की हर हरकत का जवाब और मजबूती के साथ देने के तैयार है. राफेल अंबाला में लैंड कर चुका है. पानी की बौछारों के साथ उसका स्वागत हुआ. इस एतिहासिक पल के दौरान वायु सेनाध्यक्ष आरकेएस भदौरिया भी मौजूद रहे. पांच राफेल विमानों के साथ  दो सुखोई-30 विमान भी मौजूद थे. भारतीय सीमा में प्रवेश करते ही सुखोई- 30 विमान इनके पीछे ही मौजूद रहे. फ्रांस से करीब 7000 किमी की यात्रा पूरी कर 5 राफेल विमान अंबाला पहुंचे हैं. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर बधाई दी है. उन्होंने कहा, उन्होंने इसे एक नए युग की शुरुआत बताया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, राफेल सुरक्षित लैंड हो गए हैं. राफेल का भारत में आना भारतीय सेना के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है. उन्होंने कहा,  ये मल्टीरोल विमान की भारतीय वायुसोना की क्षमताओं में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे.

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बता दें, सुबह करीब 11.15 बजे इन विमानों ने यूएई के अल दफरा एयरबेस से उड़ान भरी थी. इसके बाद यह मुंबई एयरस्पेस के रास्ते अंबाला पहुंचे. अंबाला में कड़ी सुरक्षा के बीच इन विमानों की लैंडिग कराई गई. भारत के लिए गेमचेंजर साबित होने वाले ये विमान कई लिहाज से खास हैं.

राफेल के अचूक निशाने से दुश्मन किसी तरह नहीं बच सकता. अगर बिना पे लोड की बात करें तो राफेल का वजन 10 टन है. वहीं अगर यह मिसाइल्स के साथ उड़ान भरता है तो इसका वजन 25 टन तक हो जाता है. कई मालवाहन एयरफोर्स के विमानों का भी इतना वजन नहीं होता है.

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#WATCH Haryana: Touchdown of Rafale fighter aircraft at Ambala airbase. Five jets have arrived from France to be inducted in Indian Air Force. (Source - Office of Defence Minister) pic.twitter.com/vq3YOBjQXu

— ANI (@ANI) July 29, 2020

राफेल अपने साथ काफी मिसाइल्स कैरी कर उड़ान भर सकता है. राफेल स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस है. यानी यह दुश्मन के रडार को चकमा देने के ताकत रखता है. साथ ही इसे इस हिसाब से डिजाइन किया गया है कि यह हिमालय के उपर भी उड़ान भर सकता है. बता दें कि हिमालय के उपर उड़ान भरने की काबिलियत अच्छे-अच्छे लड़ाकू विमानों में नहीं होती है.