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टीकाकरण में नहीं आई तेजी तो 6-8 महीने में कोरोना की तीसरी लहर

पहली वेव के दौरान कोरोना ने मुख्‍य रूप से बुजुर्गों को प्रभावित किया. दूसरी लहर में युवाओं को अपना शिकार बनाया. ऐसे में तीसरी लहर में बच्‍चों के प्रभावित होने की आशंका है.

News Nation Bureau
| Edited By :
20 May 2021, 07:31:54 AM (IST)

highlights

  • गणितीय फॉर्मूला के बल पर तीसरी लहर की आशंका
  • थामने के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण पर जोर
  • तीसरी लहर बच्चों पर पड़े भारी, तैयारी करें अभी से

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण से जंग लड़ रहे भारत में महामारी की तीसरी लहर को लेकर वैज्ञानिकों ने एक अहम चेतावनी जारी की है. बताया गया कि अगर देश (India) में कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को तेज नहीं किया गया तो 6 से 8 महीनों के भीतर ही कोरोना की तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है. वैज्ञानिकों ने लोगों से कोरोना रोकथाम को लेकर बताए गए नियमों का पालन किए जाने पर भी जोर दिया है. पहली वेव के दौरान कोरोना ने मुख्‍य रूप से बुजुर्गों को प्रभावित किया. दूसरी लहर में युवाओं को अपना शिकार बनाया. ऐसे में तीसरी लहर में बच्‍चों के प्रभावित होने की आशंका है.

टीकाकरण और कोविड नियमों से रुकेगी तीसरी लहर
वायरस को लेकर अनुमान जताने के लिए गणित का इस्तेमाल करने वाले फॉर्म्युला मॉडल से जुड़े वैज्ञानिक एम विद्यासागर ने कहा कि यदि देश में टीकाकरण अभियान तेज नहीं किया गया और कोविड-19 से निपटने के लिए आवश्यक नियमों का पालन नहीं किया गया, तो आगामी 6 से 8 महीने में कोविड की तीसरी लहर आने की आशंका है. विद्यासागर ने इसके साथ ही कहा कि सूत्र मॉडल में किसी तीसरी लहर की संभावना नहीं जताई गई है और इस पर काम किया जा रहा है. आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा, 'यदि एंटीबॉडी समाप्त हो जाती है, तो प्रतिरोधी क्षमता कम होने की आशंका है. ऐसे में टीकाकरण बढ़ाया जाना चाहिए और कोविड-19 को फैलने से रोकने में मददगार नियमों का पालन किया जाना चाहिए. यदि ऐसा नहीं होता है, तो छह से आठ महीने में तीसरी लहर आने की आशंका है.'

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कई एक्सपर्ट जता चुके हैं आशंका
बता दें कि केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन सहित तमाम जानकार कह चुके हैं कि कोरोना की तीसरी लहर का आना तय है. इनमें देश के टॉप वायरोलॉजिस्‍ट डॉ वी रवि भी शामिल हैं. रवि यह भी कह चुके हैं कि तीसरी लहर में बच्‍चों के चपेट में आने की ज्‍यादा आशंका है. डॉ रवि का कहना है कि पहले से कई एशियाई देश कोरोना की तीसरी लहर से जूझ रहे हैं. कई पश्चिमी देशों में चौथी वेव आ चुकी है. ऐसे में भारत इससे अछूता रहेगा, यह मान लेना सही नहीं है. इसके अलावा जाने-माने कार्डिएक सर्जन और नारायण हेल्‍थ के चेयरमैन और संस्‍थापक डॉ देवी शेट्टी ने अपने एक लेख में कहा कि कोरोना वायरस ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को चपेट में ले रहा है. इसके लिए वह स्‍वरूप बदल रहा है. पहली वेव के दौरान कोरोना ने मुख्‍य रूप से बुजुर्गों को प्रभावित किया. दूसरी लहर में युवाओं को अपना शिकार बनाया. ऐसे में तीसरी लहर में बच्‍चों के प्रभावित होने की आशंका है.