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ICMR ने कहा- विश्व स्तर के मानदंडों के आधार पर तैयार हो रही COVID 19 वैक्सीन

कोरोना वायरस (Coronavirus) को मात देने के लिए वैक्सीन बनाने का काम जोरों पर है. आईसीएमआर ने दावा किया है कि 15 अगस्त तक कोरोना का स्वदेशी टीका बन कर तैयार हो जाएगा.

News Nation Bureau
| Edited By :
04 Jul 2020, 06:52:43 PM (IST)

नई दिल्ली :

कोरोना वायरस (Coronavirus) को मात देने के लिए वैक्सीन बनाने का काम जोरों पर है. आईसीएमआर ने दावा किया है कि 15 अगस्त तक कोरोना का स्वदेशी टीका बन कर तैयार हो जाएगा. आईसीएमआर (ICMR) ने कहा कि बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य हित में स्वदेशी वैक्सीन के साथ नैदानिक परीक्षणों में तेजी लाना बेहद अहम है.

आईसीएमआर ने चुनिंदा अस्पतालों से कहा है कि वे भारत बॉयोटेक के सहयोग से विकसित किए जा रहे संभावित टीके ‘कोवैक्सीन’ को परीक्षण के लिए मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज करें.

आईसीएमआर ने शनिवार को इसपर एक बयान जारी कर कहा कि हमारी प्रक्रिया विश्व स्तर पर स्वीकृत मानदंडों के अनुसार, कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए तेजी से टीका विकसित करने के लिए है, जिसका मानव और पशुओं पर समान रूप से परीक्षण किया जा सके.

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने शुक्रवार को कोविड-19 के खिलाफ दुनिया का पहला टीका 15 अगस्त तक बाजार में उतारने की घोषणा की थी. जिसे लेकर उम्मीद के साथ आशंकाए भी हैं. इसी दिन गुजरात की कंपनी ज़ायडस कैडिला ने घोषणा की कि उसे भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से उसके संभावित टीके को इंसानों पर चिकित्सीय परीक्षण की अनुमति मिल गई है.

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विषाणु रोग विशेषज्ञ और वेलकम न्यास/ डीबीटी इंडिया अलायंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शाहिद जमील ने कहा, ‘अगर चीजें दोषमुक्त तरीके से की जा जाए तो टीके का परीक्षण खासतौर पर प्रतिरक्षाजनत्व और प्रभाव जांचने के लिए चार हफ्ते में यह संभव नहीं है.’

उल्लेखनीय है कि जमील का संगठन जैव चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए वित्तीय मदद मुहैया कराता है. एंटीजन जैसे विकसित नये तत्व की इंसान और जानवर के शरीर में प्रतिरोधक प्रणाली को सक्रिय करने की क्षमता को प्रतिरक्षाजनत्व कहा जाता है. विषाणु वैज्ञानिक उपासना राय ने कहा कोरोनो वायरस के खिलाफ टीका लांच की प्रक्रिया को गति देना या जल्द लांच करने का वादा करना प्रशंसा के योग्य है, लेकिन यह सवाल महत्वपूर्ण है कि क्या ‘हम बहुत ज्यादा जल्दबाजी कर रहे हैं’.

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सीआईएसआर-आईआईसीबी कोलकाता में वरिष्ठ वैज्ञानिक रे कहा कि हमें सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए. इस परियोजना को उच्च प्राथमिकता देना नितांत आवश्यक है. हालांकि, अतिरिक्त दबाव जरूरी नहीं कि जनता के लिए सकारात्मक उत्पाद दे.

उल्लेखनीय है देश की शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान निकाय आसीएमआर ने कहा कि 12 क्लिनिकल परीक्षण स्थालों पर देश में विकसित टीका कोवाक्सिन का परीक्षण होगा. इस संभावित टीके का विकास हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे ने मिलकर किया है. आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने 12 स्थानों के प्रधान अन्वेषकों को लिखे पत्र में कहा, ‘सभी क्लिनिकल परीक्षणों के पूरा होने के बाद 15 अगस्त तक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपयोग के लिए टीका लांच करने का लक्ष्य रखा गया है.’