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Shaheen Bagh: 4 माह के बच्चे की मौत पर भड़का SC, पूछा- आखिर 4 माह का बच्चा वहां कैसे पहुंचा

धान न्यायाधीश ने वकील से पूछा कि कैसे एक चार माह का बच्चा प्रदर्शन स्थल पर जा सकता है और कैसे माएं इसे सही ठहरा सकती हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
10 Feb 2020, 04:15:03 PM (IST)

नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन में शामिल होने से चार माह के बच्चे की हुई मौत पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सोमवार को कहा कि शाहीनबाग में एक शिशु प्रदर्शन करने के लिए कैसे जा सकता है और कैसे माताएं इसे समर्थन दे सकती हैं. प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने स्वत: संज्ञान लेने के लिए किए गए एक आग्रह पर नोटिस जारी किया. शाहीनबाग की महिलाओं के एक समूह के वकील ने शीर्ष अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ग्रेटा थनबर्ग जब एक प्रदर्शनकारी बनी, तब वह बच्ची थी.

इसके साथ ही महिलाओं ने इलाके के स्कूलों में अपने बच्चों को पाकिस्तानी कहने पर चिंता जताई. इस पर प्रधान न्यायाधीश ने वकील से पूछा कि कैसे एक चार माह का बच्चा प्रदर्शन स्थल पर जा सकता है और कैसे माएं इसे सही ठहरा सकती हैं. प्रधान न्यायाधीश ने वकील से कहा कि अप्रासंगिक तर्क मत दीजिए कि कोई स्कूल में बच्चों को पाकिस्तानी कहता है. एनआरसी, सीएए या डिटेंशन कैंप पर बेवजह का तर्क मत दीजिए.

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प्रधान न्यायाधीश ने कहा, इस कार्यवाही में हम चार माह के बच्चे की मौत पर चर्चा कर रहे हैं. हम मातृत्व, सामाजिक शांति की इज्जत करते हैं. अपराधबोध उत्पन्न करने के लिए तर्क न करे. शीर्ष अदालत ने बहादुरी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता एक 12 वर्षीय छात्रा के पत्र पर स्वत: संज्ञान लिया था, जिसने प्रधान न्यायाधीश को एक चार माह के बच्चे को ठंड लगने की वजह से हुई मौत के बारे में बताया और कहा कि ऐसा उसे शाहीनबाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन स्थल पर ले जाने की वजह से हुआ.

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आपको बता दें कि इसके पहले नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के दौरान एक चार माह के बच्चे की मौत हो गई थी जिससे दुखी होकर वीरता पुरस्कार विजेता 10 साल की गुणरतन सदावतार ने सुप्रीम कोर्ट को खत भी लिखा है था. गुणरतन ने देश के मुख्य न्यायाधीश को खत लिखते हुए विनती की है कि बच्चों और नवजातों को किसी धरने में जाने पर रोक लगे. ठंड लगने की वजह से चार महीने का मासूम मोहम्मद जहान चल बसा. जहान की मां उसे इस हाड़तोड़ ठंड में भी उसे लेकर धरना प्रदर्शन पर पहुंची थी.