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गुजरातः दलित कार्यकर्ता भानुभाई वानकर ने किया आत्मदाह, सरकार कराएगी जांच

भानुभाई ने भूमि आंवटन मामले में गुरुवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान आत्मदाह कर लिया था, बाद में इलाज़ के दौरान उसकी मौत हो गई।

News Nation Bureau
| Edited By :
18 Feb 2018, 06:18:27 PM (IST)

नई दिल्ली:

दलित कार्यकर्ता भानुभाई वानकर के आत्मदाह करने के बाद गुजरात सरकार ने उनके परिवार की सारी मांगे मान ली हैं।

बता दें कि भानुभाई ने भूमि आंवटन मामले में गुरुवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान आत्मदाह कर लिया था, बाद में इलाज़ के दौरान उसकी मौत हो गई।

इसके बाद दलित परिवार ने हत्या का आरोप लगाते हुए सरकार से मामले की जांच करवाने की मांग की थी। 

इस घटना के बाद हजारों दलित कार्यकर्ताओं ने परिवार के समर्थन में अस्पताल के बाहर इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया और इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल की स्थापना की मांग की है।

साथ ही दलित कार्यकर्ताओं ने परिवार के लिए राज्य भर में दलितों को आवंटित की गई जमीन को पुनः प्रदान करने की भी मांग की है।

उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दलित परिवार के नाम पर जमीन का मुआवजा आवंटित करा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, 'हम रिटायर हाई कोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में एक न्यायिक कमीशन का गठन करेंगे या परिवार के फैसले के अनुसार जांच के लिए एसआईटी गठित करेंगे और हम आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।'

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पटेल ने कहा, 'परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी और परिवार को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत 8 लाख रुपये दिए जाएंगे, जिनमें से 4 लाख रुपये तुरंत प्रदान किए जाएंगे।'

उन्होंने आगे कहा, 'सरकार जल्द से जल्द, राज्य भर में लाभार्थियों को भूमि आवंटित करेगी।'

हाल ही में दलित नेता और विधायक जिग्नेश मेवाणी और विपक्ष के नेता परेश धनानी गांधी नगर अस्पताल में वानकर के परिवार से मिले। वानकर, मेवानी के राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच का एक हिस्सा था।

मेवाणी ने धमकी देते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो वह विरोध प्रदर्शन करेंगे।

इतना ही नहीं जब कड़ी से बीजेपी विधायक करसन सोलंकी वानकर के परिवारवालों को हालचाल लेने अस्पताल पहुंचे तो प्रदर्शनकारियों ने उन्हें वापिस लौटा दिया।

भानुभाई वानकर भूमिहीन दलित मजदूर हेमाबेन वानकर के लिए लड़ रहा था। हेमाबेन ने आरोप लगाया था कि 2013 में 22,236 रुपये देने के बाद भी अधिकारियों ने उसके परिवार को भूमि आवंटित नहीं की थी।

एक हफ्ते पहले हेमाबेन ने कलेक्टर को एक विज्ञापन भी सौंपा था जिसमें कहा था कि अगर उनको भूमि आवंटित नहीं की जाएगी तो वह आत्मदाह कर लेंगे।

पाटन कलेक्टर कार्यालय के बाहर पुलिस की तैनाती के बावजूद भी मेहसाना के निवासी वानकर ने खुद को आग लगा ली। राज्य सरकार ने मुख्य सचिव जेएन सिंह द्वारा इस घटना की जांच का आदेश दिया था।

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