आधी रात कमलनाथ को राज्यपाल का निर्देश, कल साबित करें बहुमत
राज्यपाल लालजी टंडन ने यह भी निर्देश दिया है कि विश्वास मत वोट के बंटवारे के आधार पर बटन दबाकर होगा और इस पूरी प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग विधानसभा द्वारा स्वतंत्र व्यक्तियों से कराई जाएगी.
भोपाल:
मध्यप्रदेश में सोमवार को तय हो जाएगा कि कमलनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री रहेंगे या बीजेपी के हाथ फिर सत्ता की चाबी मिलेगी. राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को कहा है वह 16 मार्च को हर साल में सदन में बहुमत साबित करें. देर रात मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में राज्यपाल ने कहा कि मुझे प्रथम दृष्टया विश्वास हो गया है कि आपकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और आपकी सरकार अल्पमत में है, यह स्थिति अत्यंत गंभीर है, इसलिए संवैधानिक रूप से अनिवार्य एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्वयक हो गया है कि दिनांक 16 मार्च 2020 को मेरे अभिभाषण के तत्काल बाद आप विधानसभा में विश्वासमत हासिल करें.
यह भी पढ़ेंः गुजरात कांग्रेस को बगावत का डर, ये 14 विधायक पहुंचे राजस्थान
राज्यपाल लालजी टंडन ने देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ को विधानसभा पटल पर बहुमत साबित करने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद से ही राज्य में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. कांग्रेस ने राजस्थान में ठहरे अपने विधायकों को वापस बुला लिया है. जयपुर से एक बस में सभी विधायक भोपाल के लिए रवाना हो गए हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करने के निर्देश दिए हैं.
यह भी पढ़ेंः कांग्रेस ने विधायकों को व्हिप जारी किया, कमलनाथ ने अमित शाह को पत्र लिख किया ये अनुरोध
राजभवन से सीएम को जारी किए गए पत्र के मुताबिक राज्यपाल ने सीएम को कहा कि मध्य प्रदेश की हाल की घटनाओं से उन्हें प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि उनकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और ये सरकार अब अल्पमत में है. राज्यपाल ने कहा है कि ये स्थिति अत्यंत गंभीर है और सीएम कमलनाथ 16 मार्च को सदन में बहुमत साबित करें. राज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा है, " मुझे जानकारी मिली है कि 22 विधायकों ने मध्य प्रदेश विधानसभा स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. उन्होंने इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया को भी इसकी जानकारी दी है. मैंने इस बावत मीडिया कवरेज को भी देखा है."
यह भी पढ़ेंः कोरोना वायरस : शवों के अंतिम संस्कार के लिए सरकार बनाएगी दिशा-निर्देश
सोमवार से शुरू होगा विधानसभा सत्र
मध्यप्रदेश का विधानसभा सत्र 16 मार्च से शुरू हो रहा है. राज्यपाल ने स्पष्ट कहा है कि उनके अभिभाषण के तत्काल बाद सदन में जो एकमात्र काम होगा वो विश्वास मत पर मतदान होगा. राज्यपाल लालजी टंडन ने यह भी निर्देश दिया है कि विश्वास मत वोट के बंटवारे के आधार पर बटन दबाकर होगा और इस पूरी प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग विधानसभा द्वारा स्वतंत्र व्यक्तियों से कराई जाएगी. राज्यपाल ने कहा है कि उपरोक्त कार्यवाही को हर हाल में 16 मार्च 2020 को ही पूरा किया जाएगा. इस दौरान न स्थगन होगा, न विलंब और न ही ये प्रक्रिया निलंबित की जाएगी.