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कांग्रेस ने विधायकों को व्हिप जारी किया, कमलनाथ ने अमित शाह को पत्र लिख किया ये अनुरोध

मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच 16 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में उपस्थित रहने के लिए कांग्रेस ने अपने विधायकों को व्हिप जारी कर दिया है.

Updated on: 14 Mar 2020, 09:00 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच 16 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में उपस्थित रहने के लिए कांग्रेस ने अपने विधायकों को व्हिप जारी कर दिया है. कांग्रेस (Congress) के मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह (Dr. Govind Singh) ने शनिवार रात थ्री लाइनर व्हिप जारी किया. इसमें कहा गया है कि विधानसभा के पंचम सत्र के समस्त कार्य दिवस में अर्थात 16 मार्च से 13 अप्रैल तक सभी विधायक भोपाल में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें.

व्हिप में आगे कहा गया है कि सभी सदस्य संपूर्ण कार्यवाही में उपस्थित रहें और किसी भी स्थिति में अनिवार्यत: शासन के पक्ष में मतदान करें.

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इधर, मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ (Kamal nath) ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया कि वे सुनिश्चित करें कि बेंगलुरू में रखे गए 22 कांग्रेसी विधायक सुरक्षित रूप से मध्य प्रदेश पहुंच सके. कमलनाथ ने अमित शाह से रिक्वेस्ट किया है कि बिना किसी डर के 16 मार्च से शुरू होने वाले असेंबली सत्र में भाग लेने के लिए कांग्रेस के 22 विधायक सुरक्षित रूप से मध्य प्रदेश पहुंच सकें ये सुनिश्चित किया जाए.

इधर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के साथ और पूर्व पार्टी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने आज राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की और मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाने की मांग उठाई. बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को दो पन्नों का एक पत्र भी सौंपा है.

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पत्र में बीजेपी ने लिखा, 'महोदय, मध्य प्रदेश विधानसभा के 22 सदस्यों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इन सभी विधायकों ने मीडिया के सामने खुद पुष्टि की है. यह बात आज सार्वजनिक रूप से स्पष्ट हो चुकी है कि विधानसभा का विश्वास खो चुका है और अब उनके राज्य में संवैधानिक तरीके से सरकार चलाना संभव नहीं है.' पत्र में कहा गया, '16 मार्च को मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र बुलाया गया है. उपरोक्त संवैधानिक प्रणाली और प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए यह वर्तमान सरकार का संवैधानिक और प्राथमिक कर्तव्य है कि वह सत्र से पहले ही सबसे पहले अपना बहुमत साबिह करने के लिए अपना फ्लोर टेस्ट करवाएं.'