वित्त मंत्रालय ने दी चेतावनी- राज्यों के IAS और IPS केंद्र को दें सही जानकारी
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि कुछ ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जहां केंद्र सरकार को दी गई प्रासंगिक जानकारी गलत थी, भले ही इसे राज्य सरकार में सक्षम अधिकारियों द्वारा प्रमाणित किया गया हो.
नई दिल्ली:
वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकार को या तो जानबूझकर या फिर लापरवाही से कर्ज लेने के मकसद से झूठी वित्तीय जानकारी प्रदान करने के लिए राज्यों की खिंचाई की है. इसके साथ ही मंत्रालय ने आईएएस, आईपीएस अधिकारियों और सिविल सेवकों को कड़ी कार्रवाई की प्रक्रिया में शामिल राज्य में प्रतिनियुक्ति के लिए चेतावनी दी है. न्यूज18 को यह जानकारी मिली है. 21 अप्रैल को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में, वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि कुछ ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जहां केंद्र सरकार को दी गई प्रासंगिक जानकारी गलत थी, भले ही इसे राज्य सरकार में सक्षम अधिकारियों द्वारा प्रमाणित किया गया हो. न्यूज18 ने इस पत्र तक अपनी पहुंच बनाई है.
पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार को गलत जानकारी प्रदान करना या तो घोर लापरवाही के कारण हो सकता है या फिर यह गलत जानकारी देने का संकेत हो सकता है. इसमें एक उदाहरण में कहा गया है कि यह एक सरकार के कार्यकाल के दौरान एक राज्य द्वारा अति-उधार लेने के परिणामस्वरूप हुआ और बाद की सरकार के कार्यकाल के दौरान उस राशि की कटौती की गई, जिससे इसके लिए कठिनाइयों का मार्ग प्रशस्त हुआ.
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वित्त मंत्रालय संविधान के अनुच्छेद 293 के तहत हर साल राज्यों को खुले बाजार और अन्य स्रोतों से उधार लेने की अनुमति प्रदान करता है. यह राज्य सरकारों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर किया जाता है. उधार की सीमा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के प्रतिशत के रूप में तय की गई है और इस साल इसे जीएसडीपी का 3.5 प्रतिशत तय किया गया है.
पत्र में अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमों जैसे 3(2बी), 3(3) और अन्य का हवाला दिया गया है यह दोहराने के लिए कि सिविल सेवक “उचित और तथ्यात्मक सलाह” और “सच्ची और सही तरीके से जानकारी” प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं.