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भारत की बढ़ती आबादी अब थम रही? सिर्फ इन 5 राज्यों में प्रजनन दर ज्यादा

भारत दुनिया में आबादी के मामले में दूसरा सबसे बड़ा देश है. चीन ही भारत से आगे है. माना जा रहा है कि जल्द ही भारत चीन को पीछे छोड़ देगा. लेकिन हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की तेजी से बढ़ती आबादी पर ब्रेक सा लगता दिख रहा है.

News Nation Bureau
| Edited By :
07 May 2022, 12:22:35 PM (IST)

highlights

  • भारत में प्रजनन दर गिर कर पहुंची 2 प्रतिशत
  • 5 राज्यों का औसत राष्ट्रीय औसत से ज्यादा
  • गर्भनिरोध के तरीकों के बारे में जागरुकता बढ़ी

नई दिल्ली:

भारत दुनिया में आबादी के मामले में दूसरा सबसे बड़ा देश है. चीन ही भारत से आगे है. माना जा रहा है कि जल्द ही भारत चीन को पीछे छोड़ देगा. लेकिन हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की तेजी से बढ़ती आबादी पर ब्रेक सा लगता दिख रहा है. नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (National Family Health Survey-NFHS) की रिपोर्ट में पता चला है कि भारत में प्रजनन दर 2.2 प्रतिशत से घटकर 2% रह गई है. बता दें कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के पांचवें चरण की रिपोर्ट जारी हुई है, जिसमें ये आंकड़े सामने आए हैं.

इन 5 राज्यों में प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा

नए आंकड़ों के अनुसार, देश में केवल 5 ऐसे राज्य हैं, जहां की प्रजनन क्षमता 2.1 से अधिक है. इनमें बिहार (2.98), मेघालय (2.91), उत्तर प्रदेश (2.35), झारखंड (2.26) और मणिपुर (2.17) शामिल हैं. एनएफएचएस-5 सर्वेक्षण का कार्य देश के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 707 जिलों (मार्च 2017 तक) के तकरीबन 6.37 लाख परिवारों में काय गया था, जिसमें 7,24,115 महिलाओं और 1,01,839 पुरुषों को शामिल किया गया था, ताकि अलग-अलग अनुमान का पता चल सके.

ग्रामीण महिलाओं में आई है जागरूकता

रिपोर्ट के मुताबिक, अब महिलाएं अस्पतालों में प्रसव के लिए अधिक संख्या में पहुंच रही हैं. नए आंकड़ों के मुताबिक, इसमें 89 फीसदी की वृद्धि हुई है. पहले 79 फीसदी बच्चों का जन्म अस्पताल में होता था. ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह आंकड़ा बढ़ा है. शहरी क्षेत्रों में 94 फीसदी बच्चों का जन्म अस्पताल में होता है. अरूणाचल प्रदेश, असम, बिहार, मेघालय, छत्तीसगढ़, नागालैंड, मणिपुर, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लोगों में काफी जागरूकता आई है. पिछले 5 वर्षों में देश के 91 फीसदी से अधिक जिलों में 70 प्रतिशत से अधिक बच्चों का जन्म स्वास्थ्य सुविधाओं में हुआ है.

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गर्भनिरोध के तरीकों को लेकर बढ़ी जागरुकता

नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5) में पता चला है कि गर्भनिरोधकों को लेकर देश में जागरूकता का स्‍तर लगभग एक समान है. 99 फीसदी शादीशुदा महिलाओं और पुरुषों को गर्भनिरोध का कम से कम एक आधुनिक तरीका पता था. यह बात दीगर है कि उनमें से केवल 54.6% ने ही उनका इस्‍तेमाल किया. नौकरी करने वाली ज्‍यादातर महिलाएं कॉन्‍ट्रासेप्‍शन यूज करने में यकीन रखते हैं. सर्वे में शामिल 66.3% फीसदी महिलाओं ने कहा कि उन्‍होंने आधुनिक गर्भनिरोधक इस्‍तेमाल किए हैं बेरोजगार महिलाओं में यह आंकड़ा 53.4% रहा.