महामारी कानून का उल्लंघन करने पर 40 लोगों पर मुकदमा
नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने आंदोलन पर 20 दिन हो चुके हैं. मगर समस्या का अभी तक समाधान नहीं हो पाया है.
नई दिल्ली:
नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने आंदोलन पर 20 दिन हो चुके हैं. मगर समस्या का अभी तक समाधान नहीं हो पाया है. किसान इन कानूनों को रद्द कराने की मांग पर अड़े हैं तो सरकार उनमें संसोधन करने को तैयार है. ऐसे में मसला सुलझने की बजाय अहम की लड़ाई बन गया है. किसान विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा के किसान बीते करीब 3 हफ्तों से दिल्ली के सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं. यहां हजारों की संख्या में किसान इकट्ठा हैं. हालांकि इस बीच बीजेपी भी आज से देश में जगह जगह चौपाल लगाकर किसानों को इन कानूनों के फायदे बताएगी.
10 मिनट के लिए बंद हुआ चिल्ला बॉर्डर : अब से कुछ देर पहले चिल्ला बॉर्डर को पुलिस ने बंद कर दिया. दरअसल भारतीय किसान यूनियन (किसान) के लोग 10-12 गाड़ियों में सवार होकर दिल्ली की तरफ जा रहे थे. सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस ने बेरिकेडिंग कर किसानों को रोक दिया. किसानों को फिर DND की तरफ़ मोड़ के रास्ते को 10 मिनट बाद खोल दिया गया.
नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में प्रदर्शन करने वाले सपा के कुछ नेताओं समेत 40 लोगों के खिलाफ धारा 144 तथा महामारी कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि दिल्ली से नोएडा के लिए चिल्ला बॉर्डर का ट्रैफिक आवाजाही के लिए खुला है. हालांकि, नोएडा से दिल्ली के लिए दूसरा कैरिजवे बंद है.
सिंघू बॉर्डर पर आने वाले दिनों में किसान प्रदर्शन में दो हजार से अधिक महिलाएं शामिल हो सकती हैं.
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में पूर्व सैनिक भी सिंघु बॉर्डर पहुंचे हैं. पूर्व सैनिक कमलदीप सिंह ने बताया कि मैं 5 साल पहले भारतीय सेना से रिटायर हुआ. हम खुद किसान-मज़दूर के बेटे हैं, हम यहां एक फौजी के तौर पर नहीं आए.
आज किसान संगठनों की आज 2 बैठकें होगीं. 12 बजे किसान जथेबंदियां और 2 बजे संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी. बैठक में ही आगे के प्लान ऑफ एक्शन का निर्णय होगा.
किसानों का संघर्ष लगातार जारी है. हालांकि अब यूपी के किसानों के बीच फूट पड़ती दिखाई पड़ रही है. नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर बैठे भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष ने संयुक्त मोर्चा में मौजूद सभी किसानों की संपत्ति की सीबीआई जांच की मांग उठाई.
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन के बीच पीएम नरेंद्र मोदी आज गुजरात के कच्छ में किसानों से बातचीत करेंगे.
आज किसान अपने आंदोलन को उग्र कर सकते हैं. किसान सरकार के प्रतिनिधियों के घर का घेराव करने की मंशा बना रहे हैं.