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किसानों का ऐलान- कल सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक उपवास, सभी जिला मुख्यालयों में धरना

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन को आज 18 दिन हो गए है. कड़ाके की सर्दी के बीच किसान और पुलिस के जवान सर्द हवाओं में यहां पर डटे हुए हैंं.

News Nation Bureau
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13 Dec 2020, 02:31:52 PM (IST)

नई दिल्ली:

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन को आज 18 दिन हो गए है. कड़ाके की सर्दी के बीच किसान और पुलिस के जवान सर्द हवाओं में यहां पर डटे हुए हैं. कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले बैठे हैं. हालांकि शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बात किसानों नरम पड़ने लगे हैं. किसानों ने चिल्ला बॉर्डर को खोल दिया है और वहां बैठे किसानों ने धरना भी खत्म कर दिया है. हालांकि बाकी जगहों पर किसान अभी डटे हुए हैं.

21:47 (IST)

त्रिपुरा के सीएम बिप्लव कुमार देव ने कहा कि मैं दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों से कम्युनिस्टों के जाल में न आने की अपील करता हूं. माओवादी आपके बीच पहले ही प्रवेश कर चुके हैं और वे किसानों को पार्टी कैडर में बदलने की कोशिश करेंगे जैसे उन्होंने मेरे राज्य में करने की कोशिश की.

20:00 (IST)

बीजेपी नेता और हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम शांता कुमार ने किसानों के विरोध प्रदर्शन पर कहा कि कुछ बिचौलिए, कमीशन एजेंट और राजनीतिक नेता इस आंदोलन को चला रहे हैं. निहित स्वार्थ वाले लोग देश में इस तरह के आंदोलन शुरू करते हैं. कृषि कानून किसानों के पक्ष में है. 

19:49 (IST)

किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि कुछ छात्र किसानों को समर्थन देने पहुंचे. लेकिन उन्हें स्पष्ट रूप से बताया गया कि यह केवल किसानों का विरोध. छात्रों को जल्द ही वहां से जाने को कहा गया. 

18:49 (IST)

कल यानी 14 तारीख को अधिकांश जिलों के जिला अधिकारियों के दफ्तर के बाहर किसानों का प्रदर्शन होगा और प्रधानमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपा जाएंगे, बीजेपी के नेताओं का घेराव नहीं किया जाएगा.

18:38 (IST)

एक विधायक दो बसें लेकर आए थे जिनमें से 90 आदमी वो हैं जिनका खेती से कोई लेना-देना नहीं है. ये ढूंढकर सिख लोगों को लाया गया है. वो ये प्रूव करना चाहते हैं कि सिख हमारे साथ हैं. बोले उत्तराखंड से किसान नेता जसबीर सिंह

18:37 (IST)
कृषि के तीनों क़ानूनों का समर्थन करने वाले किसानों को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं. मैं आंदोलनकारी किसानों से आग्रह करता हूं कि इसका रास्ता बातचीत से ही निकलने वाला है. बोले केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी  
18:32 (IST)

कल सुबह 8 बजे से एक दिन उपवास पर बैठेंगे किसान. कल देशभर में जिला मुख्यालयों पर किसान धरना प्रदर्शन करेंगे.

18:29 (IST)

उत्तराखंड से आए किसानों तथा वहां के जनप्रतिनिधियों ने भारत सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से उनके दिल्ली स्थित निवास पर मुलाकात की.

17:39 (IST)

नरेंद्र सिंह तोमर और उत्तराखंड के किसानों के साथ चल रही बैठक खत्म. 

16:57 (IST)

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये देश का दुर्भाग्य है कि देश में जब भी अच्छा काम होता है तो कुछ ताकतें उसका विरोध करती है. जैसे धारा 370 और सीएए का विरोध कुछ वामपंथी ताकतों के द्वारा किया गया. कुछ लोगों का काम है विरोध करना. पिछली सरकारें चाहती तो थी इस बिल को लाने के लिए लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाई. ये बिल आने वाले भारत के लिए है. घर में बच्चे का जन्म होता है तो मां को कष्ट झेलना पड़ता है, तभी तो परिवार आगे बढ़ता है. 

16:36 (IST)

किसानों ने आह्वान किया है कि कल एक दिन का उपवास रखना है. आम आदमी पार्टी इसका पूरा समर्थन करती है. मैं भी कल अपने किसान भाइयों के साथ उपवास रखूंगा, बोले अरविंद केजरीवाल

16:36 (IST)

उत्तराखंड के किसान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर पहुंचे.

16:04 (IST)

पंजाब डीआईजी (जेल) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने कहा कि किसान लंबे समय से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं, किसी ने उनकी समस्याओं को नहीं सुना. मैं एक अनुशासित बल से हूं और नियमों के अनुसार, मैं ड्यूटी पर होने पर विरोध का समर्थन नहीं कर सकता. मुझे अपनी नौकरी के बारे में पहले तय करना है फिर आगे की कार्रवाई तय करनी है.

16:02 (IST)

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रमुख लोग जो आज कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, वे सिर्फ कानूनों का विरोध करने के लिए कर रहे हैं.क्या उन्होंने स्वयं पहले इन सुधारों की आवश्यकता को पहचाना. हम लोगों को जागरूक करेंगे कि किसानों के लिए कृषि कानून कैसे फायदेमंद होंगे.

15:44 (IST)

राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर ऐलान हुआ कि अब हम यहीं जमे रहेंगे. जब तक सरकार का फैसला नहीं होता. जब तक कानून वापस नहीं होता. बोले योगेंद्र यादवLIVE: योगेंद्र यादव का ऐलान, जब तक कानून वापस नहीं होता, बॉर्डर से नहीं हटेंगे 

14:41 (IST)

हम किसानों और उनके प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं और मुझे लगता है कि जल्द ही अगली बैठक होगी- केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी

14:40 (IST)

किसान आंदोलन पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि दो कदम अगर किसान आगे बढ़ेगा तो दो कदम सरकार आगे बढ़ेगी और इसका हल निकालें. वरना, इन लोगों ने तो 60 साल सिर्फ राजनीति की थी और आज भी ये (विपक्षी दल) किसान का इस्तेमाल कर आगे बढ़ना चाहते हैं. 

14:37 (IST)

पंजाब के अमृतसर में एक दंपति ने अपनी शादी के दौरान प्लेकार्ड के जरिए किसानों के आंदोलन का समर्थन. दूल्हे ने कहा कि मैं शादी करने के लिए दिल्ली गया और किसानों से भी मिला. मैं कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए उनके समर्थन को मजबूत करना चाहता हूं. 

14:33 (IST)

किसानों के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सोम प्रकाश बैठक की.

14:22 (IST)

किसानों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे पर जाम लगा दिया है. किसान दिल्ली कूच के लिए शाहजहापुर बॉर्डर पर पहुंचे हैं. जहां पुलिस ने उन्हें रोक रखा है. प्रदर्शनकारी किसान नेशनल हाईवे पर ही बैठ गए हैं. दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं.

13:53 (IST)

दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि है कि 11 किसानों की जान जा चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार, भाजपा के नेता, मंत्री अहंकार में चूर हैं. सरकार सोचती है कि वे आंदोलन को तोड़ देंगे, बदनाम कर देंगे और किसान घर चले जाएंगे. लेकिन सरकार गलतफहमी में है, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, कृषि मंत्री को अहंकार छोड़ना चाहिए. 

13:14 (IST)

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि किसानों ने उस वक्त जो बातें कहीं थी जब सरकार उन सारी चीजों को मान रही है तो दुविधा का सवाल कहां खड़ा होता है? दुविधा सिर्फ उन ताकतों ने खड़ी करने की कोशिश की है जो 6 सालों से हर मुद्दे पर देश में दुविधा पैदा कर रही हैं. 

13:14 (IST)

राजस्थान के किसान संगठनों के नेता मानीराम ने कहा कि जब तक सरकार नहीं मानेगी, हम पीछे नहीं हटेंगे. हम दिल्ली-जयपुर हाइवे भी जाम करेंगे.

12:25 (IST)

चिल्ला बॉर्डर पर नोएडा पुलिस एक बार फिर किसानों के पास बात करने पहुंची है. शनिवार को पुलिस को आश्वासन दिया गया था कि आज 12 बजे तक रामायण खत्म होने के बाद रास्ता पूरी तरह से खाली कर दिया जाएगा. हालांकि कुछ किसान अभी भी प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसके बाद एसीपी किसानों से बात करने पहुंचे हैं.

11:38 (IST)

जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर (राजस्थान-हरियाणा) पर दिल्ली कूच करने के लिए किसान इकट्ठा हो रहे हैं. राष्ट्रीय किसान महासभा राजस्थान के संयोजक ने बताया कि राजस्थान के और संगठन और कार्यकर्ता आ रहे हैं. अधिक लोग आएंगे तो हम दिल्ली कूच करेंगे. 

10:33 (IST)

टिकरी बॉर्डर पर लगे मंच के पास हरियाणा का एक किसान परिवार अपने दो छोटे बच्चों को लेकर पहुंचा है. उनके हाथ में स्लोगन लिखे बोर्ड थे, जिनमें किसान आंदोलन का समर्थन करने के साथ मीडिया को लेकर स्लोगन लिखे हैं. 

10:08 (IST)

नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर बैठे किसानों में अब दो फाड़ नजर आ रहा है. दरअसल यह भारतीय किसान यूनियन भानु का संगठन है, जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह हैं. वहीं इसी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर योगेश प्रताप सिंह हैं.  योगेश प्रताप राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह के बेटे हैं. योगेश प्रताप का कहना है कि अब इस आंदोलन को आगे वो बढ़ाएंगे क्योंकि पिताजी का रुख लगातार नरम होता जा रहा है.

10:07 (IST)

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), तीन कानून और किसान के जितने भी मुद्दे हैं उन पर सरकार बातचीत करे और इनका समाधान करे. जब तक ये (कानून) वापस नहीं होते किसान यहां से नहीं जाएगा. 

09:21 (IST)

नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर अब किसान भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. अभी यहां धरने को खत्म नहीं किया गया है. इसका मतलब यह भी है कि यह रास्ता पूरी तरह से नहीं खोला जाएगा,हालांकि आंशिक रूप से खोले गए रास्ते पर ट्रैफिक चलता रहेगा. 

08:25 (IST)

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है आज राजस्थान बॉर्डर से हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. साथ ही दिल्ली जयपुर हाईवे को भी किसान जाम करेंगे.

06:45 (IST)

आज रात को 1100 नए ट्रैक्टर में किसान सिंघु बॉर्डर पहुंचे हैं, जिसमें शामिल किसानों का कहना है कि 50000 नए किसान इनके साथ जुड़ने के लिए आए हैं. 

06:43 (IST)

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर सर्द मौसम में किसान डटे हैं. रात में किसान सर्दी से बचने के लिए चाय का सहारा लेते और पुलिस के जवानों को चाय बांटते हुए देखे गए. किसानों के कहना है कि उन्हें इस सर्दी से कोई फर्क नहीं पड़ता. इससे ज्यादा सर्दी तो खेतों में होती है, जहां वो ठंडे पानी में खेती करते हैं.