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JNU की पूर्व छात्रा शेहला रशीद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने इस तरह दी राहत

जेएनयू के पूर्व छात्रा शेहला रशीद को कोर्ट ने गिरफ्तारी के आदेश जारी किए

15 Nov 2019, 04:27:37 PM (IST)

नई दिल्ली:

जेएनयू (JNU) के पूर्व छात्रा और पूर्व छात्र संघ की उपाध्यक्ष शेहला रशीद (Shehla Rashid) की पूर्व जमानत याचिका को दिल्ली की एक अदालत ने खारिज कर दिया है. शेहला रशीद की अग्रिम ज़मानत अर्जी का निपटारा करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा है कि शेहला की गिरफ्तार करने से पहले उन्हें कम से कम 10 दिन पहले नोटिस दिया जाए.

दरअसल, जेएनयू की पूर्व छात्रा और पूर्व छात्र संघ की उपाध्यक्ष रहीं शेहला रशीद के कश्मीर पर ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर घाटी में हालात बेहद खराब हैं और सुरक्षाबल लोगों को परेशान कर रहे हैं. भारतीय सेना ने शेहला रशीद के दावों को खारिज कर दिया था. भारतीय सेना के खिलाफ कथित टिप्पणी मामले में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है.

शेहला रशीद द्वारा भारतीय सेना के खिलाफ कथित ट्वीट करने के मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई में दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली पुलिस को शेहला राशिद को गिरफ्तार करने की स्थिति में 10 दिन पूर्व गिरफ्तारी नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है.

दिल्ली की अदालत ने आरोपित शेहला राशिद की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान यह फैसला दिया.

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गौरतलब है कि पिछले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शेहला राशिद को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी. लेकिन आज के फैसले में उसने दिल्ली पुलिस को गिरफ्तारी के 10 दिन पहले बताने का आदेश दिया है.

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जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला ने कुछ महीने पहले कश्मीर पर कई ट्वीट किए थे. शेहला ने कहा था कि भारतीय सेना निरंकुश होकर कश्मीर के लोगों को परेशान कर रही है. कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां पर लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है. मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है. शेहला के इस प्रकार के ट्वीट करने की वजह से देशद्रोह का मामला दर्ज किया था.

Indian Army: Allegations levelled by Shehla Rashid are baseless and rejected. Such unverified & fake news are spread by inimical elements and organisations to incite unsuspecting population. pic.twitter.com/m6CPzSXZmJ

— ANI (@ANI) August 18, 2019

शेहला के इस ट्वीट पर भारतीय सेना ने कहा था कि शेहला की तरफ से लगाए आरोप फर्जी और झूठे हैं. इस तरह की फर्जी खबरें असामाजिक तत्वों और कुछ संगठनों की तरफ से लोगों को भड़काने के लिए फैलाई जा रही है.