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‘दिल्‍ली चलो’ मार्च से पहले किसानों को मनाने की कोशिश, तीन मंत्रियों को सौंपा जिम्मा

किसानों से बातचीत के साथ उनकी डिमांड को पूरी करने को लेकर 3 केंद्रीय मंत्रियों को चंडीगढ़ भेजा जा रहा है. तीनों केंद्रीय मंत्री किसान संगठनों के नेताओं से बातचीत करेंगे.

News Nation Bureau
| Edited By :
11 Feb 2024, 04:11:57 PM (IST)

नई दिल्ली:

किसान अपनी विभिन्‍न मांगों को लेकर अटल हैं. मांगें पूरी न होने पर किसानों ने नाराजगी जताई है. किसान संगठनों ने अपनी मांगों को मनवाने को लेकर ‘दिल्‍ली चलो’ मार्च का आह्वान किया है. किसान संगठनों और किसान यूनियन की घोषणा को देखते हुए हरियाणा-पंजाब सीमा पर सख्त चौकसी कर दी है. अतिरिक्‍त पुलिस की तैनाती के साथ ही अन्‍य तरह के कदम भी उठाए गए हैं. अब इस मामले में केंद्र सरकार भी सक्रिय हो चुकी है. किसानों से बातचीत के साथ उनकी डिमांड को पूरी करने को लेकर 3 केंद्रीय मंत्रियों को चंडीगढ़ भेजा जा रहा है. तीनों केंद्रीय मंत्री किसान संगठनों के नेताओं से बातचीत करेंगे. इसके साथ उन मांगों पर विचार होगा. 

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तीनों को दिल्‍ली से चंडीगढ़ के लिए भेज दिया 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, मंत्री नित्‍यानंद राय और मंत्री अर्जुन मुंडा को किसानों से बातचीत करने और सर्वमान्‍य समाधान निकालने की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है. इन तीनों को दिल्‍ली से चंडीगढ़ के लिए भेज दिया है. दरअसल, किसानों के 13 फरवरी के ‘दिल्ली चलो’ आह्वान के मद्देनजर उन्हें समझाने के लिए केंद्र सरकार ने तीन मंत्रियों को चुना हैं 

गुरुवार को पहली बैठक में किसान नेताओं के सामने सरकार की तरफ से कुछ प्रस्ताव रखे गए थे. उस दौरान सरकार की ओर से कहा गया था कि एक बैठक और होगी. किसानों के साथ होने वाली इस बैठक में पंजाब के सीएम भगवंत मान भी शामिल होंगे. सीएम मान पिछली बैठक में भी शामिल हुए थे.

12 फरवरी को मांगों पर चर्चा होगी

किसानों को राजधानी जाने से रोकने के लिए हरियाणा के अफसरों की कोशिश के बीच केंद्र ने उन्हें 12 फरवरी को उनकी मांगों पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है. इनके लिए बैठक आयोजित की गई. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने 13 फरवरी को 200 से अधिक किसान संघो द्वारा ‘दिल्ली चलो’ का ऐलान किया था. इस तरह से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के तहत कानून बनाने समेत कई मांगों को स्वीकार करने को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश है.