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Air Strike पर सबूत मांगकर चौतरफ घिरे दिग्‍विजय सिंह, नेता बोले- पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं दिग्‍गी

जदयू के महासचिव केसी त्‍यागी ने कहा कि दिग्विजय सिंह वही भाषा बोल रहे हैं जो पाकिस्तान बोल रहा है

News Nation Bureau
| Edited By :
03 Mar 2019, 03:16:12 PM (IST)

नई दिल्‍ली:

Air Strike पर सबूत मांगकर कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्‍विजय सिंह की चौतरफा आलोचना हो रही है. जदयू के महासचिव केसी त्‍यागी ने कहा कि दिग्विजय सिंह वही भाषा बोल रहे हैं जो पाकिस्तान बोल रहा है और सेना के लिए अपमानजनक है. त्‍यागी ने कहा कि ऐसे बयान पाकिस्तान की ओर से आया होता तो मैं कोई टिप्पणी भी करता , कांग्रेस पार्टी भी उनकी इस टिप्पणी से किनारा करे क्योंकि सेना का अपमान करने वाला यह बयान है.

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त्‍यागी ने कहा कि इस समय संकट का दौर है सभी दल के नेताओं को बयान देने में सतर्क रहना चाहिए कांग्रेस ने राफेल को लेकर जिस तरह निंदा और कुप्रचार अभियान चलाया राफेल आर्मी की महती आवश्यकता है सेना की महती आवश्यकता है मायावती पर, ऐसे संकट के दौर में नेताओं को संयमित भाषा में वक्तव्य देने चाहिए एनडीए से प्रधानमंत्री से मतभेद हो सकते हैं लेकिन ऐसे वक्त में जब अपनी जान की बाजी लगाकर सेना सुरक्षा में लगई हुए हैं उनसे किसी को क्या दिक्कत हो सकती है इस तरह के बयान सेनाओं का अपमान करता है क्रिकेट पर खेलकूद विज्ञान साहित्य प्रचार आदान-प्रदान सीमाओं के विवाद से अलग रखें जाने चाहिए मैं निजी तौर पर इसका समर्थक हूं.

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वहीं मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि दिग्विजय सिंह ये बयान बहुत निंदनीय है. जब सेना प्रेस कॉन्फ़्रेन्स कर चुकी है तो फिर सेना से सवाल क्यूं ?  क्या दिग्विजय सिंह को अपने देश की सेना पर ही भरोसा नहीं है ? ये बिलकुल भी स्वीकार्य नहीं है .

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वहीं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने कहा कि एयर स्ट्राइक का सबसे बड़ा सबूत तीनों सेना प्रमुखों का प्रेस कांफ्रेंस है. सेना प्रमुख किसी पार्टी के नहीं है वो सबूत दे रहे हैं, उनसे सवाल करें. नरेंद्र मोदी ने जो कार्रवाई की है वैसी कांग्रेस ने आज तक नहीं की.मुंबई हमले मैच 82 लोग मारे गए थे कांग्रेस की सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. दिग्विजय सिंह को अपनी बात रखने का अधिकार है पर दिग्विजय सिंह चुनाव से डर रहे हैं. उनको लगता है इसका लाभ बीजेपी और नरेंद्र मोदी को मिलेगा.

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वहीं BJP प्रवक्‍ता जीवीएल ने कहा है कि कांग्रेस के नेता पाकिस्तान के नेताओं की तरह बोलते हैं जाकिर नाईक जैसा आतंकी जिसका दोस्त हो और जो उसके कार्यक्रम में भाग लेने वाला नेता रहा हो , क्या यह बयान इसलिए देते हैं कि भारत की सेना का मनोबल गिरे. पूरे देश ने सराहना किया है एयर स्ट्राइक का लेकिन यह लोग सवाल उठाकर शक पैदा कर रहे हैं और मनोबल नीचे गिराने का काम कर रहे हैं. यह घटिया राजनीति है भारत की सेना को बार-बार गाली देते हैं उनके काम पर सवाल उठाते हैं. पाकिस्तान के पक्ष में बयान देते हैं.

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उन्‍होंने कहा कि राहुल गांधी भूल गए हैं कि 2007 में किसकी सरकार थी. 2011 में जब रफाल  का चयन हुआ तब उनके जमाने में ऑर्डर क्यों नहीं किया गया. 2014 तक लटकाने के पीछे क्या उद्देश्य था. क्या खानदानी कमीशन नहीं मिला इसके लिए परेशान है या जीजा जी के दोस्त को कमीशन नहीं मिल रहा है. एक दूसरे जगह से और कमीशन मिलने की उम्मीद थी. सेना की जरूरतों को अनदेखा करके कमीशन पर ध्यान दिया.