दिल्ली-NCR में बरसते रहेंगे बदरा, रफ्तार रहेगी मध्यम; उठाएं मजा
उत्तर भारत में मानसून पहुंच चुका है. राजधानी दिल्ली में दो-तीन दिनों से बारिश होने लगी है. हालांकि ये बारिश अभी तेज नहीं है. मौसम का आनंद उठाने की इच्छा रखने वालों के लिए इससे बेहतरीन मौसम कुछ नहीं हो सकता. लेकिन...
highlights
- देश के अधिकांश हिस्सों में पहुंचा मानसून
- दिल्ली-एनसीआर को पहली मूसलाधार बारिश का इंतजार
- ओडिशा-छत्तीसगढ़ में भारी बारिश का अलर्ट
नई दिल्ली:
उत्तर भारत में मानसून पहुंच चुका है. राजधानी दिल्ली में दो-तीन दिनों से बारिश होने लगी है. हालांकि ये बारिश अभी तेज नहीं है. मौसम का आनंद उठाने की इच्छा रखने वालों के लिए इससे बेहतरीन मौसम कुछ नहीं हो सकता. लेकिन देश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश की वजह से परेशानियां बढ़ गई हैं. छत्तीसगढ़ में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है, तो ओडिशा में भी भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. इसके अलावा उत्तर-पूर्व के कई राज्यों, पश्चिम बंगाल में भी बारिश की संभावनाएं हैं.
दिल्ली में अब तक मूसलाधार बारिश नहीं
इस साल मानसून केरल और महाराष्ट्र में तय समय से पहले ही पहुंच गया था. उम्मीद जताई जा रही थी कि दिल्ली में भी मानसून जल्दी पहुंचेगा, लेकिन देश के उत्तरी इलाकों में दबाव बनने से मानसून की गति धीमी हो गई, जिसकी वजह से तय समय से कई दिन बाद मानसून दिल्ली-यूपी के बड़े हिस्सों में पहुंचा. उसी दबाव का नतीजा है कि अब भी दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश जैसी बात नहीं दिखी. अगले दो-तीन दिनों में भी मूसलाधार बारिश की कोई उम्मीद नहीं है.
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देश के अन्य हिस्सों का हाल
मौसम विभाग के मुताबिक हिमाचल प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में अलग-अलग जगहों पर बिजली गिरने की संभावना है. इसके साथ ही मराठवाड़ा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तेलंगाना, तटीय कर्नाटक, तमिलनाडु और पुडुचेरी में गरज और बिजली के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. इसके अलावा गुजरात तट, मन्नार की खाड़ी, कोमोरिन क्षेत्र और
आसपास के दक्षिणपूर्व अरब सागर, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों के साथ लगे और उसके बाहरी समुद्र में तेज हवाएं चलने की आशंका है, इसके चलते मछुआरों को इन समुद्रो में नहीं जाने की सलाह दी गई है.