इतिहास में पहली बार हाईकोर्ट के सिटिंग जज पर होगा मुकदमा, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने दिया आदेश
इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने एसएन शुक्ला को पद से हटाने के लिए संसद में प्रस्ताव लाने के लिए कहा था
नई दिल्ली:
एमबीबीएस कोर्स के दाखिले के लिए एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को फायदा पहुंचाने के आरोपों को झेल रहे इलाबाहाद हाईकोर्ट के एसएन शुक्ला पर सीबीआई को मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सीबीआई को ये अनुमति दी है. दरअसल सीबीआई ने इस मामले सीजेआई रंजन गोगोई को चिट्ठी लिखकर जांच करने की अनुमति मांगी थी. ऐसे में इतिहास में पहली बार होगा जब किसी हाईकोर्ट के सिटिंग जज पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
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इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने एसएन शुक्ला को पद से हटाने के लिए संसद में प्रस्ताव लाने के लिए कहा था. वहीं उससे पहले पिछले साल पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा भी एसएन शुक्ला को हटाने की बात कर चुके थे.
क्या है एसएन शुक्ला पर आरोप?
एसएन शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज में नामांकन की तारीख आगे बढ़ाकर कॉलेज का फायदा पहुंचाया. इस मामले में 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार के एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह ने जस्टिस शुक्ला के आदेश पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी.
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इसके बाद पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा ने तीन जजों की कमेटी बनाकर इस मामले जांच करावाई थीं. इस जांच में जस्टिस शुक्ला के खिलाफ सबूत पाए गए थे जिसके बाद उनसे न्यायिक कार्य वापस ले लिया गया था. इसके बाद उन्हें स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेने के लिए भी कहा गया, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया. नियमों के मुताबिक अगर किसी जज पर मुकदमा दर्ज करना हो तो पहले चीफ जस्टिस की मंजूरी लेनी पड़ती है. यही वजह है कि सीबीआई ने जस्टिस एसएन शुक्ला पर मुकदमा दर्ज करने के लिए सीजेआई रंजन गोगोई से अनुमति मांगी थी.