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चीन ने रचा दूसरा 'करगिल'! इस बार पाकिस्‍तान पर्दे के पीछे

21 साल पहले पाकिस्तान (Pakistan) ने लद्दाख को कश्मीर से अलग करने की साजिश रची थी तो अब चीन भी लद्दाख में भारतीय इलाकों पर कब्जा करने की साजिश रच रहा है.

News Nation Bureau
| Edited By :
26 Jul 2020, 07:34:56 AM (IST)

नई दिल्ली:

सरहद पर इस वक्त भारत दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहा है. एक तरफ पाकिस्तान (pakistan) और दूसरी तरफ चीन. पाकिस्तान भारत की सरजमीं पर आतंकवादियों को भेजकर बड़ी साजिशों को अंजाम देता आ रहा है. तो लद्दाख में चीन (china) की हर रोज चालबाजी का भारत टकराव मुकाबला कर रहा है. धोखेबाज चीन अब पाकिस्तान की तरह ही भारत के खिलाफ साजिशें रच रहा है. 21 साल पहले पाकिस्तान ने लद्दाख (Ladakh) को कश्मीर से अलग करने की साजिश रची थी तो अब चीन भी लद्दाख में भारतीय इलाकों पर कब्जा करने की साजिश रच रहा है.

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21 साल पहले पाकिस्तानी सेना को करगिल की पहाड़ियों से भारतीय सेना ने मार-मार कर भगाया था. उसके बाद से पाकिस्तान दोबारा ऐसी हरकत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया है. मगर वह भारत के खिलाफ साजिश रचने से बाज नहीं आ रहा है. दगाबाज चीन के ऑल वेदर फ़्रेंड होने का पाकिस्तान नाजायज फायदा उठाने से चूकता नहीं है. तभी तो उसने चीन के साथ मिलकर वही साजिश रची, जो करगिल के दौरान रची गई थी.

कारगिल में पाकिस्तान ने लद्दाख को भारत से काटने के लिए ऑपरेशन बद्र रचा था. उसकी मंशा द्रास से जाने वाले नेशनल हाइवे को काटकर भारत का संपर्क लद्दाख से काटना, फिर सियाचिन पर कब्जा करने की थी. पाकिस्तान अपनी इस साजिश में कामयाब न हो सका और उसे मुंह की खाली पड़ी. पाकिस्तान से सबक न लेकर चीन ने भी वैसा ही कुछ किया है. हालांकि इस बार चीन की इस साजिश में पाकिस्तान पर्दे के पीछे रहकर पूरी मदद पहुंचा रहा है. चीन की महत्वपूर्ण परियोजना CEPC के जरिए पाकिस्तान पहले ही ड्रैगन को PoK में एंट्री दिला चुका है और उसके बाद उसने अपने सैन्य ठिकाने भी चीन के हवाले कर दिए.

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पाकिस्तान ने गिलगित बाल्टिस्तान के स्कार्दू में स्थित अपने एयरबेस को चीन के इस्तेमाल के लिए खोल रखा है. चीन ने भी भारत को ध्यान में रखकर CPEC के साथ साथ पूरे गिलगित बाल्टिस्तान में सड़कों का जाल बिछाया है. चीन भलीभांति जानता है कि वह भारत की जांबाज सेना से आमने-सामने की लड़ाई बिल्कुल नहीं सकता. मसलन वह पाकिस्तान को अपने झांसे में लेकर PoK के जरिए दूसरी फ़्रंट लद्दाख में खोल लेना चाहता है. चीन की पाकिस्तान के सहयोग से करगिल में चोरबाटला के जरिए सियाचिन के करीब पहुंचने की चाल थी, जिसे सबसे पहले भारतीय सेना के लद्दाख स्काऊट्स ने ही नाकाम कर दिया. लेकिन वह फिर से सियाचिन से लगते इलाकों पर कब्जा करना चाहता है.

रक्षा मामलों की जानकारों का कहना है कि जिस समय भारत और पाकिस्तान के बीच करगिल की लड़ाई चल रही थी. ठीक उसी दौरान चीन ने मौके का फायदा उठाया और पूर्वी लद्दाख में पैंगाग के फिंगर 8 से फिंगर 4 तक सड़क बना ली. चीन से इस कदम से भारतीय सेना का अपने इलाके यानी फिंगर 8 पर पेट्रोलिंग करना मुश्किल हो गया. चीन पेट्रोलिंग के दौरान भारतीय सेना को रोकने के लिए जबरदस्ती अपने जवानों को भेजकर हालात तनावपूर्ण कराने लगा और यह सिलसिला आज भी जारी है. पिछले दिनों गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प इसी बात का सबूत थी.