बीएमसी चुनाव: कांग्रेस-सेना की 'दोस्ती' पर भड़के गडकरी, कहा स्वार्थ के लिए सरकार गिराना चाहती है कांग्रेस
मुंबई नगर निगम में मेयर पद को लेकर चल रही सियासत के बीच शिव सेना को कांग्रेस का समर्थन दिए जाने की खबरों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है।
highlights
- कांग्रेस और शिव सेना की दोस्ती को लेकर भड़के नितिन गडकरी, कहा स्वार्थ के लिए सरकार गिराना चाहती है कांग्रेस
- बीएमसी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और शिव सेना को बहुमत नहीं मिला है, जिसकी वजह से मेयर पद को लेकर लड़ाई दिलचस्प हो गई है
New Delhi:
मुंबई नगर निगम में मेयर पद को लेकर चल रही सियासत के बीच शिव सेना को कांग्रेस की तरफ से सशर्त समर्थन दिए जाने की खबरों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है।
शिव सेना को कांग्रेस का समर्थन दिए जाने की खबरों के सामने आने के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कांग्रेस पर स्वार्थ के लिए राज्य सरकार को गिराने के लिए हमला बोला। गडकरी ने कहा, 'कांग्रेस स्वार्थ के लिए सरकार को गिराना चाहती है। कांग्रेस शिव सेना को बाहर से समर्थन करने और अनुपस्थित रहने को तैयार है।'
गडकरी ने कहा, 'उनको (कांग्रेस) लगता है कि एक बार सरकरा टूट गई तो चुनाव होगा और उसमें कांग्रेस और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) जीत के आएंगे।'बृहन्नमुंबई नगर निगम के लिए हुए चुनावों में शिवसेना और बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) दोनों को बहुमत नहीं मिला है। इस बीच दोनों बड़ी पार्टियों शिव सेना और बीजेपी में मेयर पद पाने के लिए पर्याप्त संख्या जुटाने की होड़ मची रही।
शिवसेना के प्रयासों को दो बागियों उम्मीदवारों की पार्टी में लौट आने से बढ़ावा मिला। इन दोनों उम्मीदवारों ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इसके अलावा एक और निर्दलीय पार्षद ने शिवसेना के प्रति समर्थन जताया। शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इसे मंजूरी देते हुए शिवसेना की संख्या 84 से 87 होने की बात कही है।
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भाजपा ने 82 सीटों पर जीत के साथ चार अज्ञात स्वतंत्र पार्षदों के समर्थन का दावा किया और महापौर पद के लिए कथित तौर 86 की संख्या बताई। हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) द्वारा गुरुवार को जारी आधिकारिक आकड़ों के मुताबिक, मौजूदा 227 सदस्यीय बीएमसी सदन में सिर्फ 5 निर्दलीय चुने गए हैं।
तीन पहले ही शिवसेना में शामिल हो चुके हैं। इस तरह सिर्फ दो निर्दलीय बचे हैं, इससे भाजपा के मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार के सार्वजनिक दावे पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
शिवसेना नेतृत्व को कार्यकर्ताओं के बीजेपी से गठबंधन को लेकर भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस गठबंधन से शिवसेना का अंत हो जाएगा। प्रमुख शिवसेना कार्यकर्ता सुभाष तालेकर ने ठाकरे से कांग्रेस, एनसीपी और एमएनएस से समर्थन मांगने का अनुरोध किया, लेकिन पार्टी के अस्तित्व के लिए बीजेपी से हाथ मिलाने को लेकर चेतावनी दी।
बीएमसी चुनाव के नतीजों के बाद शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था, 'महाराष्ट्र में अब मेयर नहीं बल्कि मुख्यमंत्री भी शिव सेना का ही होगा।' वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गठबंधन की संभावनाओं को मजबूत करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में बीजेपी और शिव सेना के बीच गठबंधन को लेकर कोई विकल्प नहीं है।
इसके बाद उद्धव ने नरम तेवर करते हुए कहा था कि उन्हें फिलहाल बीजेपी की तरफ से गठबंधन को लेकर कोई संकेत नहीं मिला है। लेकिन मामले में उस वक्त बड़ा मोड़ आय गया जब बीएमसी चुनाव में तीसरे नंबर पर रही कांग्रेस से शिव सेना ने मेयर पद के लिए समर्थन मांगा।
खबरों के मुताबिक कांग्रेस ने समर्थन को लेकर शर्त रख दी है। सूत्रों के अनुसार, नौ मार्च को होने वाले मेयर के चुनाव में समर्थन के बदले में उसने कांग्रेस को डिप्टी मेयर का पद देने का वादा किया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने शनिवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शिवसेना फिलहाल राज्य सरकार में शामिल है। जब वह राज्य सरकार से खुद को अलग करेगी तब उसे बीएमसी में समर्थन देने पर विचार किया जाएगा।
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