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बीजेपी नेता का दावा, भाषाई और क्षेत्रीय ध्रुवीकरण से तय हुए BMC चुनाव के नतीजे

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक नेता ने दावा कर दिया कि मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के नतीजों में भाषाई ध्रुवीकरण की भूमिका रही। बीजेपी मीडिया सेल के सह-संचालक सुमन मुखर्जी ने कहा कि वोटिंग को देखते हुए कहा जा सकता है कि मतदाता भाषाई और क्षेत्रीय आधार पर विभाजित होकर मतदान कर रहे थे।

Updated on: 24 Feb 2017, 11:30 PM

highlights

  • बीजेपी के एक नेता ने दावा कर दिया कि BMC के नतीजों में भाषाई ध्रुवीकरण की भूमिका रही
  • मुंबई नगर निगम की 227 सीटों में से बीजेपी रिकॉर्ज 82 सीटें जीतने में सफल रही है

New Delhi:

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक नेता ने दावा कर दिया कि मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के नतीजों में भाषाई ध्रुवीकरण की भूमिका रही। बीजेपी मीडिया सेल के सह-संचालक सुमन मुखर्जी ने कहा कि वोटिंग को देखते हुए कहा जा सकता है कि मतदाता भाषाई और क्षेत्रीय आधार पर विभाजित होकर मतदान कर रहे थे।

मुखर्जी ने कहा कि मराठी भाषी समुदाय के निम्न मध्य वर्ग और कामकाजी वर्ग ने मुख्य तौर पर शिव सेना को वोट दिया तो गुजराती भाषाई और उत्तर भारतीयों ने बड़े पैमाने पर बीजेपी के पक्ष में मतदान किया।

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वहीं पुराने मुंबई शहर के लोगों ने संभवत: शिव सेना के पक्ष में वोट किया जबकि पश्चिमी मुंबई के लोगों ने मुख्य तौर पर बीजेपी के पक्ष में मतदान किया। मुंबई नगर निगम की 227 सीटों में से बीजेपी रिकॉर्ज 82 सीटें जीतने में सफल रही है। शिव सेना को इस चुनाव में 84 सीटें मिली हैं।

मुखर्जी ने कहा, 'चुनाव में भाषाई आधार पर भी ध्रुवीकरण हुआ। गैर मराठी लोगों ने बीजेपी के पक्ष में मत डाले जबकि पुरानी मुंबई के लोगों ने शिव सेना के लिए वोट किया।'

राज्य चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक बांद्रा से लेकर दहिसर वाले पश्चिमी क्षेत्र में 114 सीटों में बीजेपी को 52 सीटें मिलीं जबकि सेना को 38 सीटें मिलीं। इन इलाकों में उत्तर भारतीय और गुजराती बोलने वालों की बड़ी आबादी है।

वहीं पूर्वी शहरी इलाकों में बीजेपी और सेना के बीच कांटे की टक्कर रही। इन इलाकों में 57 सीटों में से बीजेपी को 17 जबकि सेना को 18 सीटें मिली। बाकी सीटें एनसीपी, कांग्रेस और अन्य दलों के खाते में गई।

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