.

BKU के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दावा 26 जनवरी दिल्ली हिंसा में कांग्रेस का हाथ

उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमें मालूम पड़ा था कि जितने भी संगठन सिंघु बॉर्डर, गाज़ीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे थे। ये सब कांग्रेस के खरीदे हुए और कांग्रेस के भेजे हुए संगठन थे, कांग्रेस इनको फंडिंग कर रही थी.

News Nation Bureau
| Edited By :
15 Mar 2021, 06:25:14 PM (IST)

highlights

  • 26 जनवरी हिंसा में कांग्रेस का हाथः भानु प्रताप सिंह
  • दिल्ली के लालकिले पर हुई थी गणतंत्र दिवस पर हिंसा
  • कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमा पर बैठे हैं किसान

नई दिल्ली:

कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे आंदोलनकारी किसानों ने इस साल गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर राजधानी दिल्ली में रैली की मांग की थी जिसके बाद दिल्ली के लालकिले पर किसानों की आड़ में कुछ उपद्रवी भी उनकी भीड़ में घुस गए थे जहां उन्होंने जमकर हंगामा किया था. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में हुई इस हिंसा के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया है. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमें मालूम पड़ा था कि जितने भी संगठन सिंघु बॉर्डर, गाज़ीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे थे. ये सब कांग्रेस के खरीदे हुए और कांग्रेस के भेजे हुए संगठन थे, कांग्रेस इनको फंडिंग कर रही थी.

आपको बता दें कि इसके पहले एक मार्च को भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने आरोप लगाया था कि पिछले कुछ दिनों से केंद्र सरकार (Modi Government) की खामोशी इशारा कर रही है कि सरकार किसानों के आंदोलन के खिलाफ कुछ रूपरेखा तैयार कर रही है. सरकार और किसान यूनियनों (Farmers Protest) के बीच बातचीत का दौर थम जाने पर उन्होंने कहा कि फिर से बात करने का प्रस्ताव सरकार को ही लाना होगा. बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उत्तराखंड के उधमसिंहनगर जाते समय रविवार रात बिजनौर के अफजलगढ़ में पत्रकारों से कहा, '15-20 दिनों से केंद्र सरकार की खामोशी से संकेत मिल रहा है कि कुछ होने वाला है. सरकार आंदोलन के खिलाफ कुछ कदम उठाने की रूपरेखा बना रही है.'

यह भी पढ़ेंः ब्रिटिश संसद में गूंजा किसान आंदोलन, बोरिस जॉनसन सरकार ने बताया भारत का 'घरेलू मामला'

आज गाजीपुर बॉर्डर से एक राहत भरी खबर है. यहां दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर फ्लाईओवर के एक तरफ के लेन को खोल दिया है. मतलब दिल्ली से गाजियाबाद जाने के लिए एक लेन को खोल दिया गया है. अभी फिलहाल नेशनल हाइवे 9 को खोला गया है, जो दिल्ली की ओर से गाजियाबाद और नोएडा की ओर जाती है.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 5 अप्रैल तक धारा 144 लागू

आपको बता दें कि इस रास्ते को 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद पुलिस ने बंद किया था, इसलिए लेन पर भी पुलिस ने मल्टी लेयर बैरिकेडिंग लगाई थी. ताकि किसान दिल्ली में फिर से कूच न कर सकें. लेकिन आज रास्ता खोलने से लोग थोड़ी राहत जरूर महसूस कर रहे हैं. रास्ता बेहद महत्वपूर्ण है जो कि दिल्ली को सीधा गाजियाबाद के साथ-साथ मेरठ से भी कनेक्ट करता है. फिलहाल अभी सिर्फ आम नागरिकों के लिए एक तरफ से इस हाइवे को खोला गया है. बताया जा रहा है कि सोमवार देर रात नेशनल हाइवे 9 को खोल दिया गया.