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भाजपा नेता ने अब ताजमहल की ASI से जांच कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका

काशी विश्नाथ और ज्ञानवापी मस्जिद के अब ताजमहल को लेकर भी इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दाखिल की गई है. यह याचिका अयोध्या से भाजपा नेता डॉ रजनीश सिंह की ओर से दायर की गई है. याचिकाकर्ता ने अदालत से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI)

News Nation Bureau
| Edited By :
08 May 2022, 02:37:46 PM (IST)

highlights

  • ताजमहल को बताया तेजो महालय शिव मंदिर
  • बंद पड़े 22 कमरों को खुलवाने की रखी मांग
  • बंद कमरों में देवी-देवताओं की मूर्ति होने का दावा

नई दिल्ली:

काशी विश्नाथ और ज्ञानवापी मस्जिद के अब ताजमहल (Taj Mahal) को लेकर भी इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) की लखनऊ बेंच में एक याचिका दाखिल की गई है. यह याचिका अयोध्या से भाजपा नेता डॉ रजनीश सिंह की ओर से दायर की गई है. याचिकाकर्ता ने अदालत से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को ताजमहल परिसर के अंदर 22  कमरों के दरवाजे खोलने का निर्देश देने की मांग की है. याचिकाकर्ता का कहना है कि ASI को ताजमहल परिसर के अंदर के सभी 22 कमरों को खोलकर इस बात की जांच करनी चाहिए कि कहीं कोई मूर्ति तो नहीं है, ताकि ताकि ताजमहल के इतिहास से संबंधित कथित विवाद को विराम दिया जा सके. कोर्ट ने यह याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है. इस पर अलगी सुवाई 20 मई को होगी.

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 गौरतलब है कि कुछ लोग मनगढ़ंत इतिहास के आधार पर ताज महल को तेजो महालय भी कहते हैं.  इन लोगों का दावा है कि तेजो महल में एक विशाल शिव मंदिर भी था. अब इसी को आधार बनाकर आदालत में याचिका दायर की गई हे. याचिकाकर्ता ने अपने वकील रुद्र विक्रम सिंह के जरिए से दायर याचिका में तर्क दिया है कि कई हिंदू समूह दावा कर रहे हैं कि ताजमहल एक पुराना शिव मंदिर है, जिसे प्राचीन काल में तेजो महालय के नाम से जाना जाता था. याचिका में आगे कहा गया है कि इतना ही नहीं कई इतिहासकारों ने भी इन तथ्यों समर्थन किया है. इस याचिका में कहा गया है कि इन दावों की वजह से  हिंदू और मुसलमान आपस में टकराव की स्थिति में हैं. लिहाजा, इस मामले की सुवाई कर इस विवाद को खत्म करने की जरूरत है. इस याचिका में सरकार को एक तथ्य खोज समिति गठित करने और मुगल सम्राट शाहजहां के आदेश पर ताजमहल के अंदर कथित रूप से छिपाई गई मूर्तियों और शिलालेखों जैसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक साक्ष्यों की तलाश करने का निर्देश भी दिया जाए.