.

मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में ज़मानत पाना आसान, SC ने कड़ी शर्तों का प्रावधान रद्द किया

सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के सेक्शन 45 को असंवैधानिक करार दिया है।

News Nation Bureau
| Edited By :
23 Nov 2017, 01:51:16 PM (IST)

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के सेक्शन 45 को असंवैधानिक करार दिया है।

दरअसल इस सेक्शन के तहत जमानत पाने के लिए बेहद सख़्त शर्तों का प्रावधान है, सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में कहा गया था कि इस सेक्शन के चलते ज़मानत मिलना लगभग असम्भव हो जाता है, जो कि कानून के मूल सिद्धान्त और सुप्रीम कोर्ट के फैसले की मूल भावना के खिलाफ है।

इन याचिकाओं में कहा गया था कि जेल अपवाद है और बेल नियम है। इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि पीएमएलए एक्ट का सेक्शन 45 कानूनन ग़लत है, और इसे बरकरार नहीं रखा जा सकता।

इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने उन सभी आदेशों को भी निरस्त कर दिया है, जिसमें सेक्शन 45 में सख़्त शर्तों की वजह से ज़मानत देने से इंकार कर दिया था।

SC में पद्मावती पर दायर नई याचिका, फिल्म पर देश के बाहर रोक की मांग

कोर्ट ने निर्देश दिया है कि क्योंकि ऐसे लोग लंबे वक्त से जेल में है और ये उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़ा मामला है, लिहाज़ा ट्रायल कोर्ट उनकी जमानत अर्जी पर नए सिरे से जल्द से जल्द विचार करे। 

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश मोदी सरकार के लिए ये एक झटका माना जा रहा है क्योंकि केंद्र सरकार पीएमएलए एक्ट के इस प्रावधान को ब्लैक मनी से निपटने के लिए कारगर बताते हुए इसका बचाव करती रही है।

यह भी पढ़ें: जया बच्चन को फिल्म स्क्रीनिंग में बुलाने से डरते हैं करण, बताई ये वजह...

कारोबार से जुड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें