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BJP-AIUDF की लोकप्रियता पर सेना प्रमुख रावत ने कही ये बात, ओवैसी बोले- हक नहीं है

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि राजनीतिक दलों पर टिप्पणी करना सेना प्रमुख का काम नहीं है।

News Nation Bureau
| Edited By :
22 Feb 2018, 01:21:44 PM (IST)

highlights

  • सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा, बीजेपी के मुकाबले एआईयूडीएफ का तेजी से विस्तार हुआ
  • सेना ने दी सफाई, रावत ने कुछ भी राजनीतिक और धार्मिक बात नहीं की
  • ओवैसी बोले, सेना प्रमुख को किसी पार्टी के विस्तार पर टिप्पणी करने का हक नहीं है

नई दिल्ली:

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के एआईयूडीएफ और बीजेपी पर दिये गये बयान ने सियासी तूल पकड़ लिया है।

जहां ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि राजनीतिक दलों पर टिप्पणी करना सेना प्रमुख का काम नहीं है।

वहीं ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने सवालिया लहजे में कहा है कि उन्हें क्यों चिंता हो रही है। बड़ी पार्टियों के कुशासन के चलते ही एआईयूडीएफ और आप जैसी पार्टियां बढ़ी हैं। 

बीजेपी नेता और सांसद विनय कटियान ने सेना प्रमुख के बयान पर सहमति जताते हुए कहा कि आर्मी चीफ ने जो कहा वो सच है। आसम में जिस पार्टी का जिक्र किया है वो तेजी से बढ़ रही है और कांग्रेस को तो पूरी तरह से समाप्त कर देना चाहिए।

हालांकि सेना ने जनरल रावत के बयान पर सफाई दी है। सेना ने एक बयान जारी कर कहा, 'कुछ भी राजनीतिक और धार्मिक बात नहीं की गई। सेना प्रमुख ने 21 फरवरी 2018 को डीआरडीओ भवन में नॉर्थ-ईस्ट के मसले पर आयोजित सेमिनार में सिर्फ एकीकरण और विकास की बात की।'

सेना प्रमुख ने क्या कहा था?

सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बुधवार को कहा था, 'एक पार्टी है एआईयूडीएफ, अगर आप देखें तो बीजेपी का इतने वर्षों में जितना विस्तार हुआ, उसके मुकाबले एआईयूडीएफ का तेजी से विस्तार हुआ।'

उन्होंने कहा, 'जब हम जनसंघ की बात करते हैं और बात करते हैं इसे दो सांसदों से वे कहां पहुंच गए तो हमें यह भी देखना चाहिए कि एआईयूडीएफ असम में तेजी आगे बढ़ रही है। आखिरकार हमें यह देखना होगा कि असम कैसा राज्य होगा।'

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जनरल रावत ने कहा था कि उत्तर-पूर्व में मुस्लिम शरणार्थियों का आना 'प्रॉक्सी गेम' का हिस्सा है। उन्होंने कहा, 'हमारा पश्चिमी पड़ोसी (पाकिस्तान) उत्तरी सीमा पर स्थित पड़ोसी (चीन) की मदद से इस इलाके को अशांत करना चाहता है।'

भड़के ओवैसी

एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, 'सेना प्रमुख को किसी पार्टी के विस्तार पर टिप्पणी करने का हक नहीं है। लोकतंत्र और संविधान में पार्टी के गठन की इजाजत है। सेना चुनी हुए नेतृत्व के अंदर काम करती है।'

What,the Army Chief should not interfere in political matters it is not his work to comment on the rise of a political party ,Democracy & Constitution allows it and Army will always work under an Elected Civilian leadership https://t.co/PacWqqYXz1

— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 22, 2018

एआईयूडीएफ क्या बोली

एआईयूडीएफ के अध्यक्ष एम बदरुद्दीन अजमल ने सेना प्रमुख पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'जनरल बिपिन रावत ने एक राजनीतिक बयान दिया है, यह चौंकाने वाला है! सेना प्रमुख के लिए यह चिंता की बात क्यों है कि लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के विचारधारा वाली कोई राजनीतिक पार्टी बीजेपी से तेजी से आगे बढ़ रही है? बड़ी पार्टियों के कुशासन के चलते ही एआईयूडीएफ और आप जैसी पार्टियां बढ़ी हैं।'

उन्होंने कहा, 'इस तरह के बयान देकर क्या आर्मी चीफ राजनीति में दखल नहीं दे रहे हैं? उनके लिए ऐसा करना संविधान के खिलाफ हैं। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री इस पर ध्यान दें।'

वहीं पार्टी विधायक अमिनुल इस्लाम ने कहा, 'पार्टी मज़लूमों के लिए काम करती है। यही कारण है कि पार्टी की लोकप्रियता बीजेपी से ज्यादा तेजी से बढ़ी। हमें उम्मीद है कि असम के लोग जाति-संप्रदाय से ऊपर उठकर एआईयूडीएफ को स्वीकार करेंगे और हमारी पार्टी जल्द ही सत्ता में भी आएगी।'

AIUDF is working for the downtrodden. this is why our popularity is growing faster than BJP. We are hopeful that people of Assam irrespective of caste & creed, will accept AIUDF and our party will come to power soon: Aminul Islam, AIUDF MLA on Army chief's statement. pic.twitter.com/kYi9h7DnRF

— ANI (@ANI) February 22, 2018

आपको बता दें कि पिछले साल असम में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-एआईयूडीएफ-भारतीय जनता पार्टी में मुकाबला था। बीजेपी ने कांग्रेस-एआईयूडीएफ को हराकर सरकार बनाई।

एआईयूडीएफ प्रमुख और असम के धुवरी से सांसद बदरुद्दीन अजमल राज्य में मुस्लिम नेता के तौर पर जाने जाते हैं। एआईयूडीएफ को 2016 राज्य विधानसभा चुनाव में 13 सीटें मिली थी।

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