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ISIS के चंगुल में 18 महीने रहे डॉक्टर राममूर्ति लौटे भारत, मोदी को कहा 'शुक्रिया'

लीबिया के आंतकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के 18 महीने बंधक रहे डॉ. राममूर्ति कोसानम शनिवार सुबह भारत लौटे।

News Nation Bureau
| Edited By :
26 Feb 2017, 02:44:43 PM (IST)

highlights

  • भारत ने लीबिया में आईएस के चगुंल से कराया था भारतीय डॉक्टर को रिहा 
  • डॉक्टर के अनुसार आईएस के लड़ाके पढ़े लिखे औऱ भारत के अच्छे जानकार
  • गिरफ्त के दौरान बंधकों को सिखाया जाता है इस्लाम और पांच बार  की नमाज  

नई दिल्ली:

लीबिया के आंतकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के 18 महीने बंधक रहे डॉ. राममूर्ति कोसानम शनिवार सुबह भारत लौटे। राममूर्ति को भारतीय अधिकारियों ने 21 फरवरी को आईएस की गिऱफ्त से छुड़ाया था। राममूर्ति को 2015 में IS आतंकियों ने उनके कमरे से उठा लिया था। उस समय आईएस की गिरफ्त में एक और भारतीय भी था। उन दोनों को सिर्ते शहर की सेंट्रल जेल में ले जाया गया, जहां पहले से मौजूद दो अन्य भारतीय करीब दो महीने की सजा काट चुके थे।

डॉ राममूर्ति ने भारत सरकार का शुक्रिया किया। डॉ राममूर्ति ने कहा,' प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और अन्य अधिकारियों को मदद के लिए धन्यवाद। मैं ये मदद कभी नहीं भूलूंगा।' 

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ISIS के लड़ाकों ने 10 दिन में तीन बार मारी गोली 

डॉ राममूर्ति ने बताया कि उनके साथ गाली-गलौच की जाती थी। कैंप में काम करने के दौरान ऐसा भी मौका आया जब 10 दिन में उन्हें तीन बार गोली मारी गई। राममूर्ति ने बताया कि विरोध करने पर उनके दोनों पैर और बाएं हाथ में गोली मारी गई।

While I was working at a camp, within 10 days I got bullet injuries to my left hand and both legs; They shot me 3 times: Dr Ramamurthy pic.twitter.com/m4tKeP2B5S

— ANI (@ANI_news) February 26, 2017

18 महीने आईएस की गिरफ्त में रहे डॉ राममूर्ति अपने अनुभवों को याद करके बताते है कि उन्हें आईएस के लड़ाकों का इलाज करने के लिए मजबूर किया जाता था। हालांकि उन्होनें कभी कोई सर्जरी और मरहमपट्टी नहीं की। एक घायल लड़ाके को कुछ दवाइयां बताई थी, जिससे उसे आराम मिला था। उसके बाद से वह फील्ड अस्पतालों में दवाइयों की सलाह देने के लिए रखे जाते थे।

ISIS did not do anything to me physically, but abused me verbally, they were educated youth well aware about India: Dr. K Ramamurthy

— ANI (@ANI_news) February 26, 2017

भारत के बारे में थी अच्छी जानकारी
राममूर्ति ने बताया कि आईएस के लड़ाके पढ़े-लिखे और भारत के बारे में अच्छे जानकार थे। उन्होनें बताया कि आईएस ने इराक, सीरिया, नाइजीरिया और अन्य जगहों के लोगों के साथ जो किया उसके वीडियो दिखाए। इन वीडियों को देखना भयावह था। भारतीय के अलावा वहां तुर्की, कोरिया और अन्य देशों के लोग भी मिले। हमको डर था कि हमारे साथ भी ऐसा ही होगा।

ISIS ppl forced us to watch videos of what they did to Iraq, Syria, Nigeria & other places;It was bit difficult to watch them: Dr Ramamurthy pic.twitter.com/ZkmZNSCyjM

— ANI (@ANI_news) February 26, 2017

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इस्लाम सिखाया
संगठन ने इस्लाम और पांच समय की नमाज पढ़ना सिखाया। नमाज पढ़ने से पहले कैसे सफाई करते है ये भी सिखाया गया। हिंदू होने के बावजूद डॉ. राममूर्ति नमाज और इस्लाम के सारे नियम मानने को मजबूर थे।