.

दरगाह खादिमो के भड़काऊ बयान के बाद अजमेर शरीफ के बाजारों पर असर, इन्हें उठाना पड़ रहा नुकसान  

अजमेर दरगाह के खादिमों के भड़काऊ बयानों के बाद यहां ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के दरगाह पर आने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी देखी गई है.

News Nation Bureau
| Edited By :
10 Jul 2022, 11:14:04 PM (IST)

अजमेर:

देश ओर दुनिया में अमन और शांति का पैगाम देने वाली विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खादिमो द्वारा दिए गए भड़काऊ बयानों के बाद अब दरगाह में आने वाले जायरीनो की संख्या में गिरावट देखने को मिल रही है, जिसका परिणाम यह है कि बाजार सुनसान नजर आ रहे हैं. जिसके चलते दुकानदारों व होटल व्यवसायियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. आम दिनों में देर रात तक जायरीनो की भीड़ से गुलजार रहने वाला दरगाह बाजार अब सुनसान दिखाई देने लगा है. अजमेर दरगाह के खादिमों के भड़काऊ बयानों के बाद यहां ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के दरगाह पर आने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी देखी गई है. यहां तक कि आम दिनों में दरगाह बाजार पूरी तरीके से भरा हुआ रहता है तो इस बार बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है. नूपुर शर्मा को लेकर दरगाह के 3 खादिम अब तक भड़काऊ बयान दे चुके हैं.

यह भी पढ़ें : जल्द बहाल होगी अमरनाथ यात्रा, उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने घायल तीर्थयात्रियों से की बात  

उदयपुर में कन्हैया लाल का सिर कलम करने वाले जिहादियों से भी दरगाह के खादिमों के संबंध सामने आए हैं. जहां पहले अजमेर की इन संकरी गलियों में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के दरगाह पर आने वाले लोगों की भीड़ होती थी, अब लगातार नकारात्मक कारणों से दरगाह खादिमो के विवादित बयानों से व सोशल मीडिया पर हिंदू दुकानदारों से सामान नहीं खरीदने जैसे बयानों के बाद अजमेर स्थित गरीब नवाज की दरगाह सुर्खियों में है, जिसके चलते बाजारों में पहले जैसी स्थिति नहीं है. रेस्टॉरेंट्स और ट्रांसपोर्ट के कारोबारियों की बाकी दिन के मुकाबले मात्र 10% ही कमाई हो पाई. इतना ही नहीं, होटलों के लिए किए गए एडवांस बुकिंग्स भी लोग रद्द कर रहे हैं. खादिम ऐनुद्दीन चिश्ती का कहना है कि शहर की अर्थव्यवस्था उन 15-20 हजार लोगों पर टिकी है, जो रोज यहां आते थे.

दरगाह बाजार, दिल्ली गेट, दिग्गी बाजार और खादिम मोहल्ला, कम्मानी गेट, अंदर कोटे सहित लाखन कोटडी के होटल और गेस्ट हाउस भी रोज बड़ा नुकसान उठा रहे हैं, क्योंकि दरगाह में जायरीनो की आवक कम हैं. बड़ी संख्या में हिन्दू भी अजमेर शरीफ दरगाह पर आया करते थे, जिन्हें ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के इतिहास के बारे में नहीं पता. इन इलाकों में एक-एक घर ऐसे ही पर्यटकों से कमाता है. दरगाह बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष होतचंद सिंघानी ने कहा कि यहां आने वाले लोगों पर घृणास्पद बयानों से असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि देश में जो भी होता है, उसका अजमेर के बाजार पर बड़ा प्रभाव पड़ता है. हालांकि, उदयपुर की घटना के बाद से ही लोगों ने बुकिंग्स रद्द करने शुरू कर दिए थे. उन्होंने कहा कि कमाई 90% घट गई है. अजमेर में स्थित गरीब नवाज की दरगाह में रोजाना हजारों की संख्या में हिंदू व मुस्लिम समुदाय के लोग देश के कोने-कोने से गरीब नवाज की दरगाह में जियारत के लिए आते हैं लेकिन इन दिनों दरगाह के खादिमो द्वारा दिए गए नफरत के पैगाम के बाद जायरीन दरगाह में हाजरी लगाने से कतरा रहे हैं. इसका नुकसान यहां के स्थानीय दुकानदार, रेस्टोरेंट व होटल संचालकों को हो रहा है.

आपको बता दें कि बीते दिनों अजमेर दरगाह शरीफ के खादिम सलमान चिश्ती ने नूपुर शर्मा का गला काट कर लाने वाले को अपना मकान देने की बात की थी, जिसके बाद खादिम का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वहीं दरगाह के अन्य खादिम सैयद सरवर चिश्ती भी ऐसे विवादित बयान दे चुके हैं तो दूसरी ओर अजमेर में नूपुर शर्मा के समर्थन में निकाली गई रैली के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें हिंदुओं की दुकानों से सामान नहीं खरीदने की बात कही जा रही है. बहरहाल इस तरह की बयानबाजी से दरगाह के खादिमो को तो शायद कोई फर्क ना पड़े लेकिन गरीब नवाज की दरगाह से कमा कर खाने वाले दुकानदार, रेस्टोरेंट व होटल संचालको के धंधे पर जरूर असर पड़ रहा है.