राकेश टिकैत की धमकी पर मनोज तिवारी बोले- ये किसानों की भाषा नहीं
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 86वें दिन में प्रवेश कर गया है. सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता के बाद भी किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 86वें दिन में प्रवेश कर गया है. इन कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान सरकार के खिलाफ धरना दे रहे हैं. कमजोर पड़ रहे आंदोलन को धार देने के लिए गुरुवार को किसानों ने देशभर में चक्का जाम किया. हालांकि किसानों के 4 घंटे के 'रेल रोको' का देशभर में ट्रेन परिचालन पर 'न्यूनतम या नगण्य' प्रभाव पड़ा और यह समय बिना किसी अप्रिय घटना के गुजर गया. कृषि कानून के मसले पर सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता के बाद भी किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं तो सरकार भी कानून वापस न लेने पर अड़िग है.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने हर वर्ग के लोगों को दुखी किया है और किसानों के सामने संकट पैदा कर दिया है. भाजपा ने जो कहा था जब करने का समय आया तो ऐसा कानून बना दिया, जिससे पूरी खेती-किसानी संकट में चली जाएगी.
किसान सम्मेलन में कांग्रेस नेता सचिन पायलट एक बार शक्ति प्रदर्शन करते नजर आए. भीड़ ने हमारा सीएम कैसा हो सचिन पायलट जैसा हो के नारे लगाए. इस दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और आयोजकों को भारी मशक्कत करनी पड़ी.
मोदी सरकार कह रही है कि हम फसल का दोगुना देंगे. ये (राकेश टिकैत) कहते हैं कि हम आग लगा देंगे. वो ये भी कह रहे हैं कि बीजेपी बंगाल में हार जाए. इससे साफ पता चलता है कि वो किसानों के साथ नहीं है- मनोज तिवारी
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि राकेश टिकैत ने जो बयान दिया है वो किसी किसान नेता की भाषा नहीं हो सकती है. बता दें कि टिकैत ने फसलों को जलाने की धमकी दी है.
गाजीपुर बॉर्डर पर भाकियू की आज बड़ी बैठक होगी. भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने यह बैठक बुलाई है. 12 जनपदों के जिलाध्यक्ष व मंडल अध्यक्षों को गाजीपुर बॉर्डर पर बुलाया गया है. हर जिले से जिलाध्यक्ष 200 किसानों को लेकर गाजीपुर पहुंचे हैं.
किसान नेता राकेश टिकैत ने फसलों को जलाने की चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि किसान फसल की कुर्बानी के लिए तैयार हैं.
कांग्रेस नेता सचिन पायलट आज जयपुर के नजदीक किसान महापंचायत करेंगे.
कृषि कानूनों के विरोध में 26 नवंबर से किसान आंदोलन कर रहे हैं.