.

जानें ओमिक्रॉन पर कितनी कारगर है वैक्सीन, एक्सपर्ट्स ने कही ये बात

कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन ने दुनिया में तहलका मता दिया है. वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने इस मामले में बड़ी बात कही है.

News Nation Bureau
| Edited By :
04 Dec 2021, 11:46:51 PM (IST)

नई दिल्ली:

कोरोना महामारी का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन के मिलने के बाद एक बार फिर दुनिया में दहशत फैल गई है. ओमिक्रॉन के पता लगने के बाद से ही विशेषज्ञ और वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने में जुट गए हैं कि महामारी के नए वेरिएंट पर वैक्सीन कितनी कारगर है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि वायरस अपने जीनोम के महत्वपूर्ण हिस्सों में इतना अधिक उत्परिवर्तित हो गया है कि इसके वायरस के पुराने स्वरूपों से बचाने के लिए तैयार किये गए कोविड टीकों को भी मात दे सकता है, जिससे पूरी दुनिया को विनाशकारी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है.

यह भी पढ़ें: इस स्पेशल केक में छिपा है एजाज पटेल के 10 विकेट लेने का राज

आपको बता दें कि ओमिक्रॉन को लेकर बहुत चिंता करने की जरुरत नहीं है, क्योंकि वैक्सीन, ओमिक्रॉन से भी हमारी रक्षा कर सकते हैं, जैसा उन्होंने पहले के स्वरूपों में किया है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि हमें स्थिति का आकलन करने में दो से चार हफ्ते और लग सकते हैं. दुनियाभर के वैज्ञानिक क्या खोज रहे हैं और उन्हें निष्कर्ष पर पहुंचने में कितना समय लगेगा, इसको इन बिंदुओं में समझा जा सकता है.

साउथ अफ्रीका और दुनिया में तेजी से सामने आए ओमिक्रॉन के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 26 नवंबर को चिंताजनक बताया. ओमिक्रॉन अब कई देशों में भी फैल चुका है. आपको बता दें कि जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है एंटीबॉडी के जरिये पहचाने जाने से बचने में वायरस से मदद करते हैं. जबकि कुछ उत्परिवर्तन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में वायरस के संक्रमण को बढ़ाने से भी जुड़े हैं.

यह भी पढ़ें: IPL 2022 Auction: इन खिलाड़ियों की कीमत सातवें आसमान पर, जानकर उड़ जाएंगे होश

एक तरफ सभी परिणामों का इंतजार कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ इस हफ्ते कुछ टीका बनाने वाली कंपनियों ने भी अपनी बात कही है. मॉडर्ना ने कहा कि उसका टीका डेल्टा स्वरूप पर जितना प्रभावी है उसकी तुलना में यह ओमिक्रॉन पर कम कारगर है. जबकि फाइजर/बायोएनटेक ने कहा कि उनका टीका अब भी गंभीर बीमारी से बचाने में सक्षम है. दोनों कंपनियों ने कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो, वे संशोधित बूस्टर टीकों का निर्माण कर सकती हैं.