अब 'ब्रह्मा' दूर करेगी सभी दिमागी बीमारियां, यहां जानें पूरी जानकारी
हरियाणा के मानेसर नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर (NBRC) में न्यूरोइमेजिंग और न्यूरोस्पेक्ट्रोस्कोपी लैबोरेटरीज (NINS) के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रवत मंडल के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस मस्तिष्क टेम्पलेट 'ब्रह्मा' को विकसित किया है.
नई दिल्ली:
कहते है जब तक विज्ञान है तब हर चीज संभव है, वैज्ञानिक सोच सभी क्षेत्र में नए प्रयोग कर के उसपर जीत हासिल की जा सकती है. इसी क्रम में हाल ही में देश के वैज्ञानिकों ने पहली बार ऐसा ब्रेन टेप्लेट विकसित किया है जो भारतीय लोगों के मस्तिष्क की रचना के बारे में जानकारी देगा. इस ब्रेन टेम्पलेट की मदद से अल्जाइमर, अवसाद, पार्किंसंस और सिजोफ्रेनिया जैसी बीमारियों की पहचान शुरुआती स्तर पर ही हो पाएगी.
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हरियाणा के मानेसर नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर (NBRC) में न्यूरोइमेजिंग और न्यूरोस्पेक्ट्रोस्कोपी लैबोरेटरीज (NINS) के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रवत मंडल के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस मस्तिष्क टेम्पलेट 'ब्रह्मा' को विकसित किया है. यह तकनीक दिमाग से जुड़ी बीमारियों की पहचान करने के लिए दिमाग के तनाव के स्तर और पीएच का उपयोग करती है. ब्रेन टेम्पलेट मानसिक रोग की स्थिति में इंसान के मस्तिष्क की कार्यक्षमता को समझने के लिए विभिन्न मस्तिष्क छवियों एक सकल प्रतिनिधित्व है, जो यह बताता है कि किसी खास स्थिति में मरीज का दिमाग किस तरह काम करता है.
इसके बारें में जानकारी देते हुए वैज्ञानिक प्रवत मंडल ने कहा, 'ब्रह्मा टेम्पलेट पूरे भारत का प्रतिनिधित्व कर सके, इसके लिए हमने देश के सभी राज्यों के लोगों के मस्तिष्क पर शोध किया और उन्हें इस टेम्पलेट में शामिल किया. इस शोध के लिए एनबीआरसी में एमआरआई स्कैन के जरिये महत्वपूर्ण डाटा जुटाया गया. ब्रह्मा का उपयोग अनुसंधान के लिए किया जा सकता है, बाद में इस तकनीक का प्रयोग ऑपरेशन थिएटर में दिमाग की सर्जरी के लिए भी किया जाएगा.
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'ब्रह्मा' भारतीय मस्तिष्क वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक साबित होगा, क्योंकि देश के डॉक्टरों को रोगियों की सर्जरी और उपचार के लिए उनकी शारीरिक संरचना और विवरण को समझने के लिए अब तक अमेरिका और कनाडाई मस्तिष्क के टेम्प्लेट्स के सहारे रहना पड़ता था. जबकि, इस बात से सभी वाकिफ हैं कि भारतीय लोगों के दिमाग की संरचना अमेरिकी दिमाग से अलग हो सकती है.