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Kaifi Azmi Birth Anniversary: महज 11 साल की उम्र में लिखी थी पहली कविता, पढ़िए कैफी आजमी की मशहूर नज्म

मशहूर शायर और गीतकार कैफी आजमी (Kaifi Azmi) ने 'कागज के फूल', 'शोला और शबनम', 'हंसते जख्म', 'हकीकत', 'अर्थ' जैसी फिल्मों के लिए कई प्रसिद्ध गाने लिखे

News Nation Bureau
| Edited By :
14 Jan 2020, 10:15:20 AM (IST)

नई दिल्ली:

Kaifi Azmi 101st Birth Anniversary: हिंदी फिल्म जगत के मशहूर शायर और गीतकार कैफी आजमी (Kaifi Azmi) की आज 101वीं जयंती है. प्रेम की कविताओं से लेकर बॉलीवुड गीतों और पटकथाएं लिखने वाले कैफी आजमी (Kaifi Azmi) का असली नाम अख्तर हुसैन रिजवी था.

उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ जिले में 14 जनवरी 1919 को जन्मे कैफी आजमी (Kaifi Azmi) की प्रतिभा बचपन के दिनों से ही दिखाई देने लगी थी. कैफी आजमी ने अपनी पहली कविता महज 11 साल की उम्र में लिखी थी. मशहूर शायर और गीतकार कैफी आजमी (Kaifi Azmi) ने 'कागज के फूल', 'शोला और शबनम', 'हंसते जख्म', 'हकीकत', 'अर्थ' जैसी फिल्मों के लिए कई प्रसिद्ध गाने लिखे. फिल्म पाकीज़ा का साउंडट्रैक 'चलते चलते' को आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं.

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कैफी आजमी (Kaifi Azmi) की रचनाओं में आवारा सज़दे, इंकार, आख़िरे-शब आदि प्रमुख हैं. साल 1964 में आयी 'हकीकत' में कैफी आजमी (Kaifi Azmi) ने 'कर चले हम फिदा जानो-तन साथियो', 'होके मजबूर मुझे उसने बुलाया होगा', 'जरा सी आहट होती है' जैसे अमर गीत लिखे, जो गायिका लता मंगेशकर और संगीतकार मदन मोहन के करियर के सबसे अहम गीत माने जाते हैं. यहां पढ़िए उनकी मशहूर नज्म 'औरत'...

"उठ मेरी जान मेरे साथ ही चलना है तुझे,
कद्र अब तक तेरी तारीख ने जानी ही नहीं,
तुझमें शोले भी हैं बस अश्क़ फिशानी ही नहीं,
तू हक़ीकत भी है दिलचस्प कहानी ही नहीं,
तेरी हस्ती भी है इक चीज जवानी ही नहीं,
अपनी तारीख़ का उन्वान बदलना है तुझे,
उठ मेरी जान मेरे साथ ही चलना है तुझे,"

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हेमंत कुमार और लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के लिए उन्होंने 'वो बेकरार दिल', 'ये नयन डरे डरे' जैसे सदाबहार गाने भी लिखे. फिल्म 'नौनिहाल' में उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की याद को समर्पित गीत 'मेरी आवाज सुनो प्यार राज सुनो' लिखा था. बतौर शायर कैफी आजमी (Kaifi Azmi) ने 'औरत' और 'मकान' सहित कई प्रभावशाली कविताएं लिखीं. वह 'हीर' और एम.एस. सथ्यू की सफल फिल्म 'गर्म हवा' के लिए संवाद और सर्वश्रेष्ठ पटकथा लिखने के लिए भी जाने जाते हैं. कैफी आजमी (Kaifi Azmi) ने 10 मई, 2002 को 83 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने के कारण उन्होंने अंतिम सांस ली.