मोदी के खिलाफ नहीं लड़ पाएंगे तेजबहादुर यादव, इस वजह से खारिज हुआ नामांकन
वाराणसी सीट से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ पहले निर्दलीय और बाद में सपा के टिकट पर नामांकन दाखिल करने वाले तेज बहादुर यादव का पर्चा चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया.
नई दिल्ली:
वाराणसी सीट से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ पहले निर्दलीय और बाद में सपा के टिकट पर नामांकन दाखिल करने वाले तेज बहादुर यादव का पर्चा चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया. नामांकन रद होने से भड़के तेज बहादुर यादव ने कहा कि मेरा नामांकन गलत तरीके से खारिज कर दिया गया है. मुझे कल शाम 6.15 बजे सबूत पेश करने के लिए कहा गया था, हमने सबूत पेश किए, फिर भी मेरा नामांकन खारिज कर दिया गया. हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
वहीं निर्वाचन अधिकारी यानी डीएम वाराणसी ने तेज बहादुर याव का पर्चा खारिज करने के पीछ दलील देते हुए कहा कि पिछले 5 वर्षों के भीतर राज्य या केंद्र सरकार से सेवा से बर्खास्त किए गए व्यक्ति को चुनाव आयोग से प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा, जिसमें कहा गया है कि उसे बर्खास्तगी या भ्रष्टाचार के कारण बर्खास्त नहीं किया गया है। सर्टिफिकेट सुबह 11 बजे से पहले निर्मित नहीं किया गया था। इसलिए, नामांकन खारिज कर दिया गया था.
DM Varanasi:A person who has been dismissed from service from state or central govt within last 5 yrs has to obtain a certificate from EC stating he/she hasn't been dismissed due to disloyalty or corruption.Certificate wasn't produced before 11am, so, the nomination was rejected pic.twitter.com/Intq2S9Kpc
— ANI UP (@ANINewsUP) May 1, 2019
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शनिवार को बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने पहले निर्दलीय फिर सपा के चुनाव चिन्ह पर नामांकन किया था. इसमें एक में बताया था कि उन्हें भ्रष्टाचार के कारण सेना से बर्खास्त किया गया था लेकिन दूसरे नामांकन में उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दी थी. मंगलवार को पर्चों की जांच के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय ने तेज बहादुर को नोटिस जारी करते हुए 1 मई तक जवाब देने का समय दिया. चुनाव आयोग ने कहा था कि अगर तेज बहादुर यादव प्रमाण नहीं देते हैं तो उनका नामांकन खारिज कर दिया जाएगा.
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आयोग की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक, तेज बहादुर ने 24 अप्रैल को निर्दल प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया था. उस समय उन्होंने अपने शपथ पत्र में बताया था कि 'हां' उन्हें भ्रष्टाचार के कारण नौकरी से बर्खास्त किया गया था, लेकिन 29 अप्रैल को दूसरी बार नामांकन करते समय तेज बहादुर ने इसी कॉलम में 'नहीं' लिखा है, जिसका अर्थ ये है कि उन्हें भ्रष्टाचार की वजह से नौकरी से नहीं निकला गया है.
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बता दें कि 2017 में बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने जवानों को मिलने वाले भोजन की क्वालिटी को लेकर शिकायत की थी. उस विवाद के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था. तभी से वह केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. बीते दिनों ही तेज बहादुर यादव ने ऐलान किया था कि वह भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं.