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यूपी की 55 सीटों के सियासी समीकरण हैं घुमावदार, मुस्लिम प्रत्याशी पर है जोर

इस बार भी 55 सीटों पर 78 मुस्लिम प्रत्याशी चुनावी समर में हैं. बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल ने आजम खान के बेटे के खिलाफ मुस्लिम उम्मीदवार हैदर अली खान को उतारा है.

14 Feb 2022, 10:01:10 AM (IST)

highlights

  • उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण की 55 सीटों पर 78 मुस्लिम प्रत्याशी
  • 2014 के बाद बीजेपी की सहयोगी पार्टी ने भी उतारा मुस्लिम
  • मुस्लिमों के साथ सैनी, दलित और जाट वोट तय करते परिणाम

नई दिल्ली:

सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में नौ जिलों की 55 सीटों पर मतदान हो रहा है. इस चरण में भाजपा, कांग्रेस, बसपा और समाजवादी पार्टी गठबंधन के बीच मुकाबला देखने को मिल रहा है. अमरोहा, बरेली, बिजनौर, बदायूं, मुरादाबाद, रामपुर, सहारनपुर, संभल और शाहजहांपुर को लेकर सियासी जोर कहीं तेज है. आंकड़ों की भाषा में बात करें तो दूसरे चरण की 55 सीटों में भाजपा ने 2017 विधानसभा चुनाव में 38 पर जीत दर्ज की थी, जबकि सपा को 15 और कांग्रेस को महज दो सीटें मिली थीं. यहां यह भी नहीं भूलना चाहिए कि सपा और कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव में गठबंधन बतौर उतरी थीं. सपा की 15 सीटों में 10 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार विजयी हुए थे. इस बार भी 55 सीटों पर 78 मुस्लिम प्रत्याशी चुनावी समर में हैं. बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल ने आजम खान के बेटे के खिलाफ मुस्लिम उम्मीदवार हैदर अली खान को उतारा है. गौर करें तो 2014 के बाद भगवा कैंप के पहले मुस्लिम प्रत्याशी हैं.

मुस्लिम के साथ सैनी, दलित और जात वोटर महत्वपूर्ण
उत्तर प्रदेश की जिन 55 सीटों के लिए आज मतदान जारी है, वहां मुस्लिमों के साथ-साथ सैनी, दलित और जाट वोट परिणाम तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं. मुस्लिमों को ध्यान में रखते हुए इस चरण में समाजवादी पार्टी ने 18, बसपा ने 23, कांग्रेस ने 21 और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने 15 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है, जबकि भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) ने भी रामपुर की स्वार टांडा से रामपुर के नवाब कासिम अली खान के बेटे हैदर अली खान को उतारा है. इस लिहाज से देखें तो 2017 की ही तरह  इस बार भी कई सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर है. 2017 में बसपा को यहां एक भी सीट नहीं मिली थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उसने इस क्षेत्र की चार सीटें जीती थीं. जाहिर है बसपा को सपा से गठबंधन करने का फायदा मिला था. 

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इनकी प्रतिष्‍ठा लगी दांव पर
अगर आज मतदान के दौर से गुजर रहीं सीटों पर खड़े दिग्गजों की बात करें योगी कैबिनेट के मंत्री सुरेश खन्ना (शाहजहांपुर सदर), माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी (चंदौसी), जल शक्ति राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख (बिलासपुर) और नगर विकास राज्य मंत्री महेश चंद्र गुप्ता (बदायूं) मैदान में हैं. इसके अलावा आंवला सीट पर भाजपा सरकार में मंत्री रहे धर्मपाल सिंह सैनी ताल ठोक रहे हैं. वह योगी सरकार में सिंचाई मंत्री थे, लेकिन बाद में उन्‍होंने त्यागपत्र दे दिया. इस बार वह सहारनपुर की नकुड़ सीट से सपा के टिकट पर मैदान में हैं. भाजपा ने उनके खिलाफ मुकेश चौधरी को मैदान में उतारा है. इनके अलावा सपा सांसद आजम खान का रामपुर की सदर सीट पर भाजपा के आकाश सक्‍सेना, कांग्रेस के नवाब काजिम खान और बसपा के सदाकत हुसैन से मुकाबला है. अमरोहा से सपा ने अपने पूर्व मंत्री महबूब अली को मैदान में उतारा है. इस सीट पर उनको भाजपा के राम सिंह सैनी और बसपा के नवैद अयाज चुनौती दे रहे हैं.