.

बड़ी खबर : देवेंद्र फडणवीस सरकार से इस्‍तीफा दे सकते हैं अजित पवार

शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस विधायकों के शक्‍ति प्रदर्शन और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अजीत पवार के तेवर ढीले पड़ गए हैं. प्रफ्ल्‍ल पटेल का कहना है कि इस्‍तीफा देने को लेकर अजित पवार जल्‍द कोई फैसला कर सकते हैं.

26 Nov 2019, 12:27:53 PM (IST)

नई दिल्‍ली:

शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस विधायकों के शक्‍ति प्रदर्शन और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अजीत पवार के तेवर ढीले पड़ गए हैं. रात में उनकी शरद पवार और सुप्रिया सुले से बातचीत की खबर आई थी तो सुबह प्रफुल्‍ल पटेल और छगन भुजबल उनसे मिलने गए थे. बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए प्रफ्ल्‍ल पटेल ने कहा, इस्‍तीफा देने को लेकर अजित पवार जल्‍द कोई फैसला कर सकते हैं. हालांकि एक पत्रकार ने बाद में अजित पवार से इस्‍तीफे के बारे में पूछा तो उन्‍होंने कहा, इस बारे में बात न करें. 

यह भी पढ़ें : देवेंद्र फडणवीस सरकार को बड़ा झटका; कल शाम 5 बजे होगा फ्लोर टेस्‍ट : सुप्रीम कोर्ट

मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा जा रहा है कि NCP नेताओं ने अजित पवार से मुलाकात कर डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा देने की मांग की है. प्रफुल्‍ल पटेल और छगन भुजबल ने मंगलवार सुबह हुई मुलाकात के बाद कहा, अजित पवार ने भी कहा है कि वो जल्द इस पर फैसला लेंगे. इन नेताओं से मुलाकात के बाद अजीत पवार मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने उनके आवास पर गए हैं. हो सकता है कि अजित पवार मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को वही इस्‍तीफा दे दें.

अब सवाल उठता है कि अजीत पवार के इस्‍तीफा देने के बाद क्‍या देवेंद्र फडणवीस अपने पद पर बने रहेंगे या फिर फ्लोर टेस्‍ट की नौबत आएगी, क्‍योंकि जिस नेता के भरोसे बीजेपी और देवेंद्र फडणवीस ने सरकार बनाई थी, उन्‍हीं के द्वारा पलटी मारने की खबर आ रही है.

यह भी पढ़ें : NCP नेताओं की इस्तीफे की मांग पर बोले अजित पवार- जल्द लूंगा फैसला

अजित पवार का ये रुख ऐसे समय में सामने आया है जब  खबर थी कि वह सोमवार रात से अपने घर पर रहने के बजाए शरद पवार और सुप्रिया सुले के साथ होटल में थे. अकेले वे इन्‍नोवा गाड़ी से निकले थे. बताया जा रहा है कि देर रात से शरद पवार और सुप्रिया सुले से उनकी मीटिंग चल रही थी. आज सुबह 26/11 के शहीदों को श्रद्धांजलि देने वाले कार्यक्रम में भी अजित पवार नहीं पहुंचे. इसके अलावा एक दिन पहले मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा बुलाई गई बैठक में भी उनकी गैरमौजूदगी चर्चा का विषय बनी हुई थी.