LIC की इन कंपनियों में है बड़ी हिस्सेदारी, IPO के लिए करना होगा ये काम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नियमों के अनुसार LIC का IPO लाने से पहले सरकार को दूसरी बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी को घटाना होगा. LIC को बड़ी कंपनियों में अपनी प्रमुख हिस्सेदारी को 15 फीसदी से कम करना होगा.
नई दिल्ली:
वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (निर्मला सीतारमण) ने बजट में LIC (Life Insurance Corporation) में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार शेयर बाजार में एलआईसी (LIC) को सूचीबद्ध कराएगी. उन्होंने कहा था कि सूचीबद्ध कराने के लिए एलआईसी का आईपीओ (IPO) लाया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नियमों के अनुसार IPO लाने से पहले केंद्र सरकार को दूसरी बड़ी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को घटाना होगा. LIC को बड़ी कंपनियों में अपनी प्रमुख हिस्सेदारी को 15 फीसदी से कम करना होगा.
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IDBI बैंक में भी कम करनी होगी हिस्सेदारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक LIC को अपना आईपीओ लाने के लिए IDBI बैंक में भी अपनी हिस्सेदारी घटानी होगी. हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि अगर एलआईसी किसी कंपनी में से अपनी हिस्सेदारी घटाती है तो उसकी कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव हो सकता है. जानकारों का कहना है कि ऐसे में आने वाले समय में शेयर बाजार में LIC के आईपीओ की वजह से उठापटक का दौर भी दिखाई पड़ सकता है.
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इन कंपनियों में है LIC की बड़ी हिस्सेदारी
IDBI Bank | 51 फीसदी |
LIC HSg Finance | 40.3 फीसदी |
IL&FS | 25.35 फीसदी |
L&T | 16.92 फीसदी |
ITC | 16.32 फीसदी |
MTNL | 14.56 फीसदी |
(सितंबर 2019 तक का आंकड़ा) |
बता दें कि मौजूदा समय में देश में मौजूदा इंश्योरेंस कंपनियां एलआईसी को टक्कर देने की कोशिश कर रही हैं लेकिन आज भी एलआईसी इंश्योरेंस सेगमेंट में मार्केट लीडर बना हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक LIC की लिस्टिंग के लिए कानून में बदलाव की भी जरूरत है. जानकारों का कहना है कि शेयर मार्केट में LIC की लिस्टिंग से पारदर्शिता आने की उम्मीद है और लोगों की भागीदारी भी बढ़ेगी.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार LIC 10 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री कर सकती है. हालांकि अभी इस पर कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है. बता दें कि अगले साल में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने विनिवेश के जरिए 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. सरकार की LIC और IDBI बैंक में हिस्सा बिक्री से 90,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है.