अब समंदर में भी चीन को लगा बड़ा झटका, मोदी सरकार ने लिया ये फैसला
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने घरेलू इंडस्ट्री को टेंडर में प्राथमिकता देने का फैसला किया है. शिपिंग मंत्रालय ने समंदर में चीन या दूसरे देशों की शिपिंग कंपनियों का इस्तेमाल कम हो इसके लिए यह फैसला लिया है.
नई दिल्ली:
मोदी सरकार (Modi Government) हर मोर्चे पर चीन को झटका देने की तैयारी कर रही है. ताजा मामले में भारत ने समंदर में चीन के वर्चस्व को कम करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले से चीन के होश निश्चिततौर पर उड़ने वाले हैं. भारत के बंदरगाहों पर अब चीनी वर्चस्व कम होगा और भारत सरकार ने चीन को समंदर में सबक सिखाने का एक बड़ा प्लान तैयार किया है. दरअसल, केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने घरेलू शिपिंग इंडस्ट्री (Shipping Industry) को टेंडर में प्राथमिकता देने का फैसला किया है. शिपिंग मंत्रालय ने समंदर में चीन या दूसरे देशों की शिपिंग कंपनियों का इस्तेमाल कम हो इसके लिए यह फैसला लिया है.
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चीनी निर्भरता को कम करने या फिर जड़ से खत्म करने की भी तैयारी शुरू हो रही है जिसमे अब समंदर में कार्गो कारोबार वही होंगे जिन्होंने भारत मे बने शिप या जहाज इस्तेमाल कर रहे हैं. न्यूज नेशन ने केंद्रीय शिपिंग मंत्री मनसुख मांडविया के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की है जिसमें उन्होंने इसकी जानकारी साझा की है.
सरकार के ताजा फैसले से समंदर में कम होगा चीन का वर्चस्व
इसके अलावा कार्गो में भारत की शिप का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा हो इसके लिए भी यह कदम उठाया गया है. जानकारी के मुताबिक सरकार अब जितने भी टेंडर जारी करेगी उसमें पहली प्राथमिकता देश के लोगों को मिलेगी. सरकार ने देश में बने शिप जिसका मालिक भारतीय हो उसे फायदा देने का निर्णय लिया है. मोदी सरकार के इस कदम से समंदर में चीन का वर्चस्व भी कम होगा. गौरतलब है कि मौजूदा समय में भारत की सिर्फ 1 फीसदी ही हिस्सेदारी है.
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बता दें कि अभी समुद्री कार्गो कारोबार में नार्वे, फिलीपींस, जापान, चीन, कोरिया, ताइवान की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है जिसमे माल को विदेशों से आयात करना, या विदेशों को निर्यात करने में विदेश में बने पानी के जहाजों का इस्तेमाल होता रहा है लेकिन आने वाले वक्त में इस पॉलिसी के तहत सिर्फ ऐसे कारोबारियों को जगह पहले मिलेगी जो भारत मे बने शिप का इस्तेमाल करेंगे. सरकार के इस फैसले से समंदर में भारत के बने शिप्स का बोलबाला होगा. भारत की जहां तक बात है तो यह 1947 यानि आजादी के पहले से अभी तक 1 फीसदी पर टिका हुआ है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अगले चार से पांच साल में भारत की हिस्सेदारी को 1 फीसदी से बढ़ाकर 3 फीसदी तक लाने का लक्ष्य बनाया है. इसके साथ ही देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
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घरेलू कारोबारियों को मिलेगी 20 फीसदी सब्सिडी
सरकार भारतीय कारोबारियों को जो शिपिंग इंडस्ट्री से जुड़े हैं इसके लिए 20 फीसदी की सब्सिडी भी दे रही है. यानि अगर कोई जहाज 200 करोड़ का बनता है तो सरकारी योगदान सब्सिडी के तौर पर 40 करोड़ का होगा यानी शिप 160 करोड़ का होगा. 2020 में चीन को सबक सिखाने के लिए उसकी आर्थिक तौर पर कमर तोड़ने के लिए यर बड़ा फैसला माना जा रहा है. 2020 में चीन को सबक सिखाने के लिए, उसकी आर्थिक तौर पर कमर तोड़ने के लिए यर बड़ा फैसला माना जा रहा है.